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PFI Terror Module: बोले नित्यानंद राय- बिहार बना PFI के लिए आरामगाह, कानून के तहत हो रही NIA की कार्रवाई

पीएफआई के लिए बिहार आरामगाह माना जाने लगा है, यहां उनके लोगों को संरक्षण मिलता है इसलिए पनाह लेने आते हैं. एनआईए स्वतंत्र इकाई है और कानून के तहत काम कर रहा है. ये बातें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कही.

Union Minister of State for Home Nityanand Rai
Union Minister of State for Home Nityanand Rai

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Published : Apr 25, 2023, 4:11 PM IST

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय

पटना:बिहार में एनआईए ने मंगलवार को कई जगहों पर छापामारी की. मुख्य रूप से पीएफआई टेरर मॉड्यूल को लेकर एनआईए ने यह कारवाई की है. इसको लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि देश में शांति व्यवस्था कायम रहे इसको लेकर संविधान में एनआईए को अलग से कानून बनाकर अधिकार दिया गया है और उसी अधिकार के तहत एनआईए कार्रवाई कर रही है.

पढ़ें-PFI Terror Module: PFI के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, बिहार के कई जिलों में NIA की रेड

NIA की छापेमारी पर नित्यानंद राय का बयान: फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल के खिलाफ लगातार एनआईए की कार्रवाई चल रही है. इसके तहत पहले भी कई बार बिहार के साथ ही दूसरे प्रदेशों में भी रेड की कार्रवाई की गई है. वहीं मंगलवार को एक बार फिर से टीम ने बिहार के साथ यूपी और एमपी सहित कुल 17 ठिकानों पर छापा मारा. बिहार के दरभंगा, मुजफ्फरपुर और सिवान में छापेमारी की गई. सिवान से टीम ने दो लोगों को हिरासत में भी लिया है. वहीं मोतिहारी में बीती रात छापा मारा गया था. इसको लेकर नित्यानंद ने कहा कि बिहार पीएफआई के लिए आरामगाह बना हुआ है, छापेमारी जरूरी है.

"एनआईए को कानून ने संविधान ने इस देश के बड़े अपराधों को रोकने के लिए और शांति व्यवस्था बरकरार रखने के लिए अधिकार दे रखा है. एनआईए अपने अधिकार और कानून के तहत काम कर रहा है. पीएफआई के लिए बिहार आरामगाह माना जाने लगा है,यहां संरक्षण मिलता है इसलिए पनाह लेने आते हैं. एनआईए स्वतंत्र इकाई है और कानून के तहत काम कर रहा है."- नित्यानंद राय, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री

फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल:एटीएस और एनआईए ने संयुक्त रूप से 14 जुलाई 2022 को पटना के फुलवारी शरीफ में छापा मारा था. उस दौरान पीएफआई के प्रशिक्षण शिविर का खुलासा हुआ था. साथ ही भारत को 2047 तक इस्लामिक देश बनाने को लेकर कुछ दस्तावेज भी हाथ लगे थे. सितंबर 2022 में भारी विरोध के बाद पीएफआई पर बैन लगा दिया गया था. इसके बावजूह कई गतिविधियां सामने आती रहती हैं.

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