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राम मंदिर पर बोले नीतीश कुमार- ऐसे मामले में प्रतिक्रिया देना उचित नहीं - सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर

अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट में लगातार सुनवाई जारी है. वहीं, राम मंदिर के मसले पर सीएम ने सुनवाई का हवाला देकर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया. विदित हो कि, जदयू का पक्ष रहा है कि कोर्ट या फिर आपसी सहमति से इस मसले का हल निकले.

CM नीतीश कुमार

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Published : Sep 18, 2019, 9:06 PM IST

पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने अयोध्या मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह मामला कोर्ट में चल रहा है. ऐसे में इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देना सही नहीं है. नीतीश कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अपने हिसाब से फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं.

सुप्रीम कोर्ट

राम मंदिर निर्माण को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने कुछ भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है. पत्रकारों के राम मंदिर और बाबरी मस्जिद पर सवाल से सीएम नीतीस कुमार बचते दिखे. हालांकि पत्रकारों के सवाल पर कमेंट्स करते हुए इतना जरुर कहा कि यह कोर्ट का मामला है. विदित हो कि जदयू का इस मुद्दे पर स्टैंड क्लियरह रहा है कि आपसी सहमति या कोर्ट के माध्यम से फैसला होना चाहिए.

SC ने दोनों पक्ष के वकीलों से पूछा सवाल
गौरतलब है कि अयोध्या मामले पर जल्द फैसला आने के आसार बढ़ गए हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने आज सभी पक्षो के वकीलों से 18 अक्टूबर तक जिरह पूरी करने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई का 26वां दिन था. 6 अगस्त से इस मामले की सुनवाई शुरू हुई है. 16 दिन हिंदू पक्ष जबकि 10 दिन मुस्लिम पक्ष की तरफ से कोर्ट में दलील पेश की जा चुकी है. इस मसले पर कोर्ट ने सभी पक्ष के वकीलों को दलील देने के लिए समय की जानकारी मानी थी. कोर्ट ने कहा था कि हम यह देखना चाहते हैं कि हमारे पास फैसला लिखने के लिए कितना समय होगा.

CM नीतीश कुमार

CJI ने जताई उम्मीद
गौरतलब है बुधवार को अयोध्या मामले की सुनवाई हुई. इस दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि 18 अक्टूबर तक इस मामले की सुनवाई पूरी हो जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर पक्षकार चाहते हैं तो मध्यस्थता का रास्ता भी अपना सकते हैं.

डिजाइन फोटो

17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं रंजन गोगोई
वहीं, सुप्रीम कोर्ट की ओर से सभी पक्षों से कहा गया है कि वह कोशिश करें कि 18 अक्टूबर तक बहस पूरी हो जाए, ताकि चार हफ्ते का समय फैसले के लिए मिल जाए. बता दें रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं और उससे पहले राम मंदिर पर अंतिम और बड़ा फैसला हो सकता है.

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