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मुस्लिम वोटरों के खिसकने का डर! AIMIM के प्रभाव को बिहार में रोकने के लिए नीतीश की सीक्रेट मीटिंग

Patna News ओवैसी के बिहार में बढ़ते प्रभाव को देखते हुए महागठबंधन बेताब नजर आ रहा है, खास कर जेडीयू में खलबली साफ दिख रही है, हाल ही में हुए गोपालगंज और कुढ़नी उपचुनाव ने बिहार के सेक्युलर नेताओं की चिंता बढ़ा दी है. शायद यही वजह है कि सीएम नीतीश (Nitish Kumar meeting with JDU Muslim Leaders) ने पार्टी के तमाम मुस्लिम नेताओं के साथ बैठक कर एआईएमआईएम के बढ़ते कद को बिहार में रोकने के उपाय पर चर्चा की है.

सीएम नीतीश कुमार
सीएम नीतीश कुमार

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Published : Jan 4, 2023, 10:37 AM IST

Updated : Jan 4, 2023, 12:39 PM IST

जमा खान, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री

पटनाःबिहार की सियासत (Politics of Bihar) में इन दिनों खासी हलचल मची है. खासकर महागठबंधन और जदयू में ऐसी बेचैनी देखने को मिल रही है, जो लोकसभा चुनाव को लेकर है, दोनों पार्टियों को उनके मुस्लिम वोट बैंक के खिसकने की चिंता सता रही है. इसके पीछे की वजह कोई और नहीं बल्कि खुद को मुस्लमानों का हमदर्द कहने वाले असदुद्दीन ओवैसी (Owaisi factor in Bihar) हैं. ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम बिहार में बढ़ते प्रभाव को देखते हुए जेडीयू की परेशानी साफ नजर आ रही है. यही वजह है कि सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने नए साल के शुरुआत में ही बिहार जेडीयू के तमाम मुस्लिम नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और इस मीटिंग में मुस्लिम वोटों के बिखराव को रोकने को लेकर चर्चा हुई. हालांकि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने इसे सिरे से नकार दिया और कहा कि ये एक परिवारिक मिटिंग कोई थी.

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मुस्लिम नेताओं ने भी रखी अपनी बातः सीएम नीतीश कुमार ने 1 आणे मार्ग में अपने आवास पर जेडीयू के तमाम मुस्लिम नेताओं के साथ अहम बैठक की, जहां इस बात की चर्चा की गई एआईएमआईएम के बढ़ते कद को बिहार में कैसे रोका जाए, इस मौके पर मुस्लिम नेताओं ने भी नीतीश कुमार को कई सलाह दी. इन नेताओं ने कहा कि मुस्लिम नेताओं का प्रतिनिधित्व बढ़ना चाहिए. ताकि मुस्लामानों के बीच अच्छा संदेश जाए और ये विश्वास दिलाया जाए कि जेडीयू और नीतीश कुमार से बढ़कर कोई और मुस्लमानों का नेता देश में नहीं है.

"एआईएमआईएम कुछ भी कर ले, बिहार में वो ज्यादा सफल नहीं हो पाएगी. क्योंकि हमारे काम जनता के सामने हैं. हमलोग पूरी ईमानदारी के साथ अपने कामों को जनता के सामने रखेंगे. हमारी सरकार ने मुस्लिमों के विकास के लिए जो काम किए उसे हर स्तर पर जाकर बताना होगा. अगर हम जनता को ये सब सही तरीके से बता पाए तो असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी यहां टिक नहीं हो पाएगी"- नीतीश कुमार, सीएम बिहार

"नए साल पर शुभकामनाएं देने हम लोग गए थे, कोई रणनीति नहीं है कल की ये मीटिंग एक परिवारिक मीटिंग थी, निर्देश था कि आप लोग काम किजीए, नए साल में सबको कहा गया कि ठीक से अपने काम को करें, जो योजनाएं चल रही हैं वो गरीबों तक पहुंच रही हैं या नहीं. सरकार काम कर रही है तो नेता भी उसको गंभीरतापूर्वक देखते रहें. यही सब बातें कही गईं, अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर कमियों के देखने के लिए कहा गया. ताकी अंतिम पंक्ति में जो लोग खड़े हैं, उनका भी विकास हो सके"- जमा खान, मंत्री, अल्पसंख्यक कल्याण

मुस्लिम वोटरों के खिसकने का डरः सियासाी जानकारों का कहना है कि नीतीश कुमार हाल ही में हुए गोपालगंज और कुढ़नी के चुनाव में एआईएमआईएम की भूमिका को देखकर काफी चिंतित हैं. नीतीश कुमार ने बैठक में साफ कहा है कि अगर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के प्रभाव को बिहार में रोका नहीं गया तो आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी इसके परिणाम ठीक नहीं होंगे. नीतीश कुमार ने अब खुद इसके लिए कमर कस ली. वो किसी भी हाल में अपने मुस्लिम वोटरों को हाथ से जाने नहीं देंगे.

2020 के चुनाव में एआईएमआईएम ने जीती थी 5 सीटः बता दें कि एआईएमआईएम ने अपनी ताकत का प्रदर्शन पिछले विधानसभा चुनाव 2020 में ही किया था, जब सीमांचल की पांच सीटे महागठबंधन के हाथों से खिसक कर असदुद्दीन ओवैसी की झोली में चली गईं थी और पहली बार बिहार में एआईएमआईएम का विस्तार बिहार में हुआ था. ये अलग बात है कि बाद में इनके चार विधायक टूटकर आरजेडी में चले गए, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि एआईएमआईएम का मनोबल टूट गया है, वो बार-बार इस बात की ओर इशारा करते हैं कि वो बिहार के हर चुनाव में पूरी ताकत के साथ लड़ेंगे और अपना कैंडिडेट खड़ा करेंगे, ये और बात है कि वो अपनी जीत दर्ज ना कर पाएं लेकिन महागठबंधन के उम्मीदवारों को नुकसान पहुंचाने में एआईएमआईएम अहम भूमिका निभाती है, जिसका फायदा साफ तौर पर बीजेपी को मिलता है, गोपलागंज चुनाव इस बात का ग्वाह बन चुका है. अब इसी बात की चिंता महागठबंधन के लोगों को सताने लगी है और पार्टी के बड़े नेता चुनाव को लेकर अपनी रणनीति तैयार करने में जुट गए हैं.

Last Updated : Jan 4, 2023, 12:39 PM IST

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