पटना: बिहार को विशेष राज्य (Special status) का दर्जा देने के मुद्दे पर सियासत फिर गरमाती दिख रही है. जेडीयू (JDU) ने एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठायी है. जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा(Upendra Kushwaha) ने गुरुवार को ट्वीट कर बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग की है.
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उपेन्द्र कुशवाहा ने पीएमओ (PMO) और पीएम मोदी (PM Narendra Modi) को टैग करते हुए ट्वीट किया- 'आदरणीय @PMOIndia श्री @narendramodi जी, बिहार-झारखंड विभाजन उपरांत प्राकृतिक संपदाओं का अभाव और बिहारवासियों पर प्राकृतिक आपदाओं का लगातार दंश के बावजूद नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में NDA सरकार अपने कुशल प्रबंधन से बिहार में विकास की गति देने में लगी है.'
उन्होंने आगे लिखा- '...लेकिन वर्तमान दर पर अन्य राज्यों की बराबरी संभव नहीं है. @NITIAayog की हालिया रिपोर्ट इसका प्रमाण है। अतः विनम्र निवेदन है कि 'बिहार को विशेष राज्य का दर्जा' देने की @Jduonline की वर्षों लंबित मांग पर विचार करें और बिहारवासियों को न्याय दें.'
विशेष राज्य से फायदा और दलगत राजनीति
बता दें कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग एक दशक से भी ज्यादा पुरानी है. समय और परिस्थिति के मुताबिक ये मुद्दा बिहार की राजनीति में सुर्खियां बटोरता रहा है.
उपेन्द्र कुशवाहा से बातचीत.
विकास के लिए जरूरी विशेष राज्य का दर्जा
इस दौरान कई मौके ऐसे आए, जब केंद्र सरकार की ओर से विशेष राज्य के दर्जे के सवाल को खारिज कर दिया गया है. लेकिन 2020 बिहार विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर से विशेष राज्य का मुद्दा उभरा है. नीतीश कुमार लंबे समय से बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं. नीतीश का तर्क है कि विशेष श्रेणी के दर्जे से पिछड़े राज्य को कई तरह के वित्तीय लाभ मिलते, जो बिहार के आर्थिक विकास के लिए जरूरी हैं.