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22 साल में 8वीं ताजपोशी : 'कुर्सी' से टिके रहने की कला में माहिर हैं नीतीश कुमार! - etv news

नीतीश कुमार (Nitish Kumar Oath Ceremony) ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे बिहार के बेताज बादशाह हैं. बिहार की सत्ता में उन्होंने ऐसा पैर जमाया है, जिसे आजतक कोई नहीं उखाड़ पाया. नीतीश कुमार अपने 40 साल के सियासी सफर में आठवीं बार मुख्यमंत्री (Oath Ceremony In Bihar) बनने जा रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर

Nitish Kumar Oath Ceremony
Nitish Kumar Oath Ceremony

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Published : Aug 10, 2022, 1:56 PM IST

Updated : Aug 10, 2022, 2:36 PM IST

22 साल में 8वीं ताजपोशी : 'कुर्सी' से टिके रहने की कला में माहिर हैं नीतीश कुमार!

पटना: बिहार में नीतीश कुमार वो नाम हैं जिनका दबदबा बिहार ही नहीं बल्कि बिहार के बाहर भी है. बिहार में सीएम का चेहरा नीतीश कुमार आज से नहीं बल्कि 22 सालों (Chief Minister for 8th time in 22 years) से बने हुए हैं. इस चेहरे को आज तक कोई भी बदल नहीं सका. यहां तक की एनडीए ने भी 2020 विधानसभा चुनाव में जदयू की कम सीटें होने के बावजूद नीतीश कुमार के सिर ही ताज सजाया था. फिलहाल बिहार में सीएम पद के लिए कोई ऐसा चेहरा नहीं है जो नीतीश कुमार को टक्कर दे सके. आज आठवीं बार नीतीश कुमार बतौर सीएम बिहार की कुर्सी (Nitish Kumar Will Take Oath As CM ) पर एक बार फिर से काबिज होने वाले हैं. बिहार में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड भी नीतीश कुमार के नाम दर्ज हो चुका है.

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2000 में सिर्फ 7 दिन के लिए बने सीएम: नीतीश कुमार 3 मार्च 2000 को पहली बार सीएम बने थे. लेकिन बहुमत से दूर होने के कारण उन्होंने 10 मार्च 2000 को पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद 2005 में हुए चुनाव में बीजेपी के समर्थन से दूसरी बार सीएम के पद पर काबिज हुए. 2010 में एक बार फिर नीतीश ही सीएम बने.

2014 में छोड़ा था पद:2014 में नीतीश कुमार ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए पद छोड़ दिया था. दरअसल लोकसभा चुनाव के दाैरान नीतीश कुमार ने भाजपा के खिलाफ चले गए थे लेकिन उस समय जनता से उनको समर्थन नहीं मिला और प्रदर्शन काफी खराब रहा. जिस कारण सीएम को पद से इस्तीफा देना पड़ा था. हालांकि नीतीश ने जीतन राम मांझी को सीएम की कुर्सी सौंप दी थी. वहीं 2015 में जब पार्टी में अंदर खाने कलह होना शुरू हुआ तो नीतीश ने जीतन राम को हटाकर एक बार फिर से कुर्सी संभाल ली.

2015 में महागठबंधन के साथ:2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन (जदयू, राजद, कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन) की एनडीए के खिलाफ जीत के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बने. यह कुल पांचवीं बार रहा, जब नीतीश ने सीएम पद की शपथ ली.

2017 में महागठबंधन से हुए अलग:तेजस्वी यादव पर उस वक्त भ्रष्टाचार के आरोप लगे जिसके बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होने का फैसला लिया. उन्होंने जुलाई 2017 में ही पद से इस्तीफा दिया और एक बार फिर एनडीए का दामन थाम कर सीएम पद संभाला.

2020 में कम सीटें, फिर भी बने सीएम:2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन ने जीत हासिल की. हालांकि, जदयू की सीटें भाजपा के मुकाबले काफी घट गईं. इसके बावजूद नीतीश कुमार ने सीएम पद की शपथ ली. अब नीतीश ने एनडीए से अलग होने का एलान कर एक बार फिर इस्तीफा देते हुए महागठबंधन के साथ सरकार बना लिया है.

2022 बने 8वीं बार सीएम: एनडीए से अलग होने के एलान के ठीक बाद नीतीश कुमार ने राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन से जुड़ गए. इसी के साथ बतौर सीएम नीतीश कुमार ने आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. वैसे मंत्रिमंडल का विस्तार बाद में होगा.

वहीं, तेजस्वी यादव 22 नवंबर, 2015 में पहली बार बिहार के उप मुख्यमंत्री बने थे, जब नीतीश कुमार एनडीए से निकलकर महागठबंधन में शामिल हो गए थे और महागठबंधन को विधानसभा चुनाव में जबरदस्त जीत मिली थी. नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में तेजस्वी उप मुख्यमंत्री बने थे.

Last Updated : Aug 10, 2022, 2:36 PM IST

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