पटना: लॉकडाउन में बिहार सरकार के कार्यों की काफी तारीफ हो रही है. पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी नीतीश कुमार के कामकाज की सराहना की है. दरअसल, बिहार में 22 मार्च के जनता कर्फ्यू के बाद से ही लॉकडाउन लागू कर दिया गया. बिहार में 23 मार्च को कतर से आए सैफ अली की कोरोना से पहली मौत हुई. उसके बाद से बिहार में राहत और बचाव के लिए किए गए नीतीश कुमार ने काफी बड़े फैसले लिए. जिनकी तारीफ केंद्र सरकार कर रही है.
कोरोना महामारी में नीतीश सरकार ने कई ऐसे बड़े फैसले लिए जिनका अनुसरण केंद्र और अन्य राज्यों की सरकारों ने भी किया.
- पूरे देश में लॉकडाउन लगने से दो दिन पहले बिहार में लॉकडाउन की घोषणा हो गई.
- दूसरे राज्यों में रह रहे बिहारी मजदूरों को लाने के सवाल पर शुरू में बिहार सरकार की बहुत किरकिरी हुई. कुछ राज्यों ने बस भेज कर अपने लोगों को बुलाना शुरू किया. लेकिन नीतीश सरकार ने केंद्र सरकार से विशेष ट्रेन चलाने का आग्रह किया. जिसके बाद दूसरे राज्यों ने भी विशेष ट्रेन चलाने की मांग की. बिहार ने दूसरे राज्यों से लोगों को लाने के लिए 15 सौ से अधिक विशेष ट्रेनें चलाई.
- बिहार पहुंचे लोगों को सरकार ने ब्लॉक क्वारंटीन केंद्रों में रखने का बड़ा फैसला लिया. 15 लाख से अधिक लोगों को इन ब्लॉक क्वारंटीन केंद्रों में रखा गया. अब इनकी संख्या घटकर सवा लाख बच गई है. कई राज्यों ने भी इसे अपनाया.
- बिहार सरकार ने उससे पहले दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को सीधे उनके अकाउंट में 1000 रुपये भेजने की घोषणा की. अब तक 20 लाख 80 हजार से अधिक लोगों को यह राशि सरकार भेज चुकी है.
- दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के लोगों के लिए बिहार फाउंडेशन के माध्यम से राहत कैंप भी चलाए गए.
- बिहार में गरीबों और जरूरतमंदों के लिए आपदा राहत केंद्र चलाए गए. जिसमें सुबह और शाम भोजन की व्यवस्था की गई.
- पूरे देश में कोरोना कोष का गठन करने का फैसला सबसे पहले बिहार में हुआ. बिहार विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों के तीन करोड़ फंड से 50 लाख इस कोष में डाला. खुद मुख्यमंत्री ने 7 करोड़ से अधिक की राशि इस फंड में भी दी. इसी तरह सुशील मोदी ने भी 2 करोड़ से अधिक की राशि फंड में दी.
- बिहार सरकार ने सभी पेंशन धारियों को 3 महीने का अग्रिम पेंशन देने का फैसला लिया और इसे समय पर दिया भी गया.
- सभी राशन कार्ड धारियों को मुफ्त में अनाज और 1000 रुपये अकाउंट में राशि भेजने का फैसला लिया.
- कोरोना के इलाज के लिए जिलों में आइसोलेशन केंद्र बनाए गए. साथ ही 3 मेडिकल कॉलेज को डेडीकेटेड कोरोना वायरस से इलाज के लिए रखा गया.
- इन सब के साथ जो लोग दूसरे राज्यों से बिहार आ रहे थे, उनके लिए रोजगार सृजन को नीतीश सरकार ने सबसे पहले प्राथमिकता दी. बाहर से आ रहे मजदूरों का नीतीश सरकार ने स्किल और मैपिंग सर्वे का फैसला लिया.
- रोजगार को लेकर 13 प्रमुख विभागों को विशेष रूप से लक्ष्य दिया गया. आज 4 लाख 46 हजार योजनाओं से 5 करोड़ से अधिक मानव दिवस सृजित किया जा चुका है.
- विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स भी बनाया जिसमें कई विभागों के सचिव शामिल हैं.