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एक क्लिक में पढ़ें, आखिर क्यों कोरोना महामारी में नीतीश सरकार की हो रही है तारीफ?

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Published : Jun 10, 2020, 9:13 PM IST

लॉडाउन में सीएम नीतीश कुमार ने कई बड़े फैसले लिए हैं. जिससे बिहार के लोग और प्रवासियों की समस्या कम हो सके. प्रदेश के सीएम के कामकाज की पीएम और गृह मंत्री ने भी तारीफ की है.

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पटना: लॉकडाउन में बिहार सरकार के कार्यों की काफी तारीफ हो रही है. पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी नीतीश कुमार के कामकाज की सराहना की है. दरअसल, बिहार में 22 मार्च के जनता कर्फ्यू के बाद से ही लॉकडाउन लागू कर दिया गया. बिहार में 23 मार्च को कतर से आए सैफ अली की कोरोना से पहली मौत हुई. उसके बाद से बिहार में राहत और बचाव के लिए किए गए नीतीश कुमार ने काफी बड़े फैसले लिए. जिनकी तारीफ केंद्र सरकार कर रही है.

महेश्वर हजारी, योजना विकास मंत्री

कोरोना महामारी में नीतीश सरकार ने कई ऐसे बड़े फैसले लिए जिनका अनुसरण केंद्र और अन्य राज्यों की सरकारों ने भी किया.

  • पूरे देश में लॉकडाउन लगने से दो दिन पहले बिहार में लॉकडाउन की घोषणा हो गई.
  • दूसरे राज्यों में रह रहे बिहारी मजदूरों को लाने के सवाल पर शुरू में बिहार सरकार की बहुत किरकिरी हुई. कुछ राज्यों ने बस भेज कर अपने लोगों को बुलाना शुरू किया. लेकिन नीतीश सरकार ने केंद्र सरकार से विशेष ट्रेन चलाने का आग्रह किया. जिसके बाद दूसरे राज्यों ने भी विशेष ट्रेन चलाने की मांग की. बिहार ने दूसरे राज्यों से लोगों को लाने के लिए 15 सौ से अधिक विशेष ट्रेनें चलाई.
  • बिहार पहुंचे लोगों को सरकार ने ब्लॉक क्वारंटीन केंद्रों में रखने का बड़ा फैसला लिया. 15 लाख से अधिक लोगों को इन ब्लॉक क्वारंटीन केंद्रों में रखा गया. अब इनकी संख्या घटकर सवा लाख बच गई है. कई राज्यों ने भी इसे अपनाया.
  • बिहार सरकार ने उससे पहले दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को सीधे उनके अकाउंट में 1000 रुपये भेजने की घोषणा की. अब तक 20 लाख 80 हजार से अधिक लोगों को यह राशि सरकार भेज चुकी है.
  • दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के लोगों के लिए बिहार फाउंडेशन के माध्यम से राहत कैंप भी चलाए गए.
  • बिहार में गरीबों और जरूरतमंदों के लिए आपदा राहत केंद्र चलाए गए. जिसमें सुबह और शाम भोजन की व्यवस्था की गई.
  • पूरे देश में कोरोना कोष का गठन करने का फैसला सबसे पहले बिहार में हुआ. बिहार विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों के तीन करोड़ फंड से 50 लाख इस कोष में डाला. खुद मुख्यमंत्री ने 7 करोड़ से अधिक की राशि इस फंड में भी दी. इसी तरह सुशील मोदी ने भी 2 करोड़ से अधिक की राशि फंड में दी.
  • बिहार सरकार ने सभी पेंशन धारियों को 3 महीने का अग्रिम पेंशन देने का फैसला लिया और इसे समय पर दिया भी गया.
  • सभी राशन कार्ड धारियों को मुफ्त में अनाज और 1000 रुपये अकाउंट में राशि भेजने का फैसला लिया.
  • कोरोना के इलाज के लिए जिलों में आइसोलेशन केंद्र बनाए गए. साथ ही 3 मेडिकल कॉलेज को डेडीकेटेड कोरोना वायरस से इलाज के लिए रखा गया.
  • इन सब के साथ जो लोग दूसरे राज्यों से बिहार आ रहे थे, उनके लिए रोजगार सृजन को नीतीश सरकार ने सबसे पहले प्राथमिकता दी. बाहर से आ रहे मजदूरों का नीतीश सरकार ने स्किल और मैपिंग सर्वे का फैसला लिया.
  • रोजगार को लेकर 13 प्रमुख विभागों को विशेष रूप से लक्ष्य दिया गया. आज 4 लाख 46 हजार योजनाओं से 5 करोड़ से अधिक मानव दिवस सृजित किया जा चुका है.
  • विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स भी बनाया जिसमें कई विभागों के सचिव शामिल हैं.
    पटना से अविनाश की रिपोर्ट

'विपक्ष का काम है आरोप लगाना'
इस बाबत जेडीयू प्रवक्ता अरविंद निषाद का कहना है कि नीतीश सरकार के फैसलों का कई राज्यों ने अनुसरण किया. उन्होंने कहा कि हमने चुनौतियों को अवसर में बदलने का काम किया है. ये कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी हमने चुनौतियों को अवसर में बदला है. वहीं, योजना विकास मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि कोरोना महामारी में विपक्ष और तेजस्वी यादव लगातार सरकार को घेरने का काम किया है. उन्होंने कहा कि जिन्हें अपनी जिम्मेदारियों की चिंता होती है, वे अपना काम बखूबी समझते हैं. महेश्वर हजारी ने आगे कहा कि बिहार में विपक्ष नाम का चीज ही नहीं है. जब भी आपादा आती है, विपक्ष हमेशा पलायन कर जाता है. उन्होंने कहा कि विफक्ष का काम सिर्फ आरोप लगाना.

अरविंद निषाद, जेडीयू प्रवक्ता

आंकड़ों से समझे नीतीश के काम

  • 1 करोड़ 63 लाख राशन कार्ड धारियों को अब तक ₹1000 की राशि दी गई.
  • 20 लाख 86 हजार प्रवासियों को सीएम सहायता के तहत 1000 दी गई.
  • 94 लाख 29 हजार 583 को छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिला.
  • 1 करोड़ 29 लाख 32 हजार 458 लोगों को मिड डे मील योजना का लाभ मिला.
  • 9 लाख 26 हजार 669 छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री सायकिल योजना का लाभ मिला.
  • 96 लाख 54 हजार 317 छात्राओं को मुख्यमंत्री पोशाक योजना का लाभ मिला.
  • 8 करोड़ 61 लाख 86 हजार 726 को सामाजिक सुरक्षा पेंशन 3 महीने का एक साथ मिला.
  • 37 लाख 94 हजार 532 केंद्रीय सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ दिया गया.
  • 35 हजार 236 कन्या उत्थान योजना जननी प्रोजेक्ट का लाभ। लोगों ने उठाया.
  • 15 लाख किसानों को फसल क्षति का भुगतान किया गया.
  • 21 लाख 70 हजार 163 लोगों को किशोर स्वास्थ्य योजना का लाभ मिला.
  • 15 लाख 21 हजार ब्लॉक क्वारंटीन केंद्रों में आने वाले प्रवासियों को ₹1000 का समान और भाड़ा सहित न्यूनतम 500 का भुगतान किया गया.

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