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RJD Iftar Party: CM नीतीश बोले- 'इफ्तार पार्टी का राजनीति से कोई संबंध नहीं'

बिहार में आरजेडी की इफ्तार पार्टी (RJD Iftar Party) में शामिल होने के बाद सियासी अटकलों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सफाई देते हुए कहा है कि इफ्तार पार्टी में निमंत्रण मिला था तो गए थे. यह परंपरा है. पढ़ें पूरी खबर

nitish kumar on rjd iftar party
nitish kumar on rjd iftar party

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Published : Apr 23, 2022, 1:11 PM IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पहुंचकर आरजेडी के दावत-ए-इफ्तार (Nitish Kumar in RJD Iftar Party) में शामिल होकर सबको चौंका दिया था. इसके बाद राज्य में तरह-तरह की चर्चा होने लगी. इन चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि इफ्तार पार्टी का राजनीतिक से कोई संबंध नहीं है.

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सीएम नीतीश ने तमाम अटकलों को किया खारिज:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहा कि यह परंपरा रही है. हमलोग भी इफ्तार पार्टी में सभी दलों के लोगों को बुलाते हैं. इफ्तार का आयोजन किया जाता है तो उसका सम्मान तो करना ही पड़ता है. उन्होंने कहा कि इफ्तार पार्टी का आयोजन सभी राजनीतिक दलों की तरफ से किया जाता है. सभी राजनीतिक दल के लोग एक दूसरे की इफ्तार पार्टी में जाते हैं. मुझे भी बुलाया गया था, तो जाने का फैसला किया, इसका राजनीति से कोई संबंध नहीं है.

राजद की इफ्तार पार्टी में पहुंचे थे सीएम:बता दें कि शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर राजद द्वारा दावत-ए-इफ्तार का आयोजन किया गया था, जिसमें नीतीश कुमार भी शामिल हुए थे. नीतीश कुमार अपने आवास से निकलकर पैदल ही राबड़ी आवास पहुंच गए थे. वहां उन्होंने राबड़ी देवी के साथ-साथ मीसा भारती, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और तेजस्वी की पत्नी राजश्री से भी मुलाकात की थी.

लगाए जा रहे कयास:काफी देर तक नीतीश कुमार राबड़ी आवास में रुके थे और इस दौरान तेजस्वी से उनकी बातचीत भी हुई. इस दौरान नीतीश भीड़ के कारण पत्रकारों से बात नहीं कर पाए थे. नीतीश के राबड़ी आवास पहुंचने के बाद राज्य की सियासत में तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे थे.

बिहार में आगे क्या होता है इसपर सबकी निगाह : बता दें कि 2020 विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश की पार्टी जेडीयू राज्य में तीसरे नंबर की पार्टी बन गई है. इस चुनाव के बाद भाजपा बड़े भाई की भूमिका में है. ऐसे में जदयू को भी मालूम है कि 2025 के संभावित चुनाव के बाद भाजपा नीतीश को फिर से मुख्यमंत्री बनने का मौका नहीं देने वाली है.

बिहार की राजनीति में तीन कोण बने हुए हैं, माना जाता है कि जो भी दो दल साथ आ जाएंगें उनकी सरकार बननी तय है. कहा जा रहा है कि नीतीश कहीं इस इफ्तार के जरिए कहीं फिर से राजद के साथ निकटता तो नहीं बना रहे हैं. वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि नीतीश कुमार का कोई भी कदम बेमतलब नहीं होता है. ऐसे में माना जा रहा है कि नीतीश भाजपा पर दबाव बनाने के लिए राजद का यह न्योता कबूल किया हो.

मीसा भारती ने कही ये बात: वैसे, राजद की सांसद मीसा भारती कहती हैं कि मुख्यमंत्री के यहां आने को राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. राज्य के सभी दल के नेता यहां आए हैं. यह एक धार्मिक आयोजन है, जिसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए. इधर, भाजपा के नेता शाहनवाज हुसैन भी कहते हैं कि इसमें अटकलों की कोई जरूरत नहीं है.

क्या भाजपा-जदयू में सब ठीक नहीं?: तेजस्वी की इफ्तार पार्टी पर भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव सह बिहार भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि यह एक व्यक्ति का विशेषाधिकार है कि कौन पार्टी का आयोजन कर रहा है और कौन किस पार्टी में शामिल हो रहा है. हम एक राजनीतिक दल हैं और हमारे पास किसी की इफ्तार पार्टी पर टिप्पणी करने के लिए कुछ भी नहीं है. भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए भाजपा इस देश को चौतरफा मजबूत और विकसित करने के लिए लगातार काम कर रही है. फिलहाल, शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार के दौरे पर हैं. उसके ठीक एक दिन पहले पहले नीतीश के लालू के चौखट पर फिर से पहुंचने के बाद कयासों का बाजार गर्म है.

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