पटना: भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की आज तीन दिसंबर को जयंती है. इस मौके पर आयोजित राजकीय समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए. ऐसे में कयास लगाये जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री मीडिया से बचने के लिए ही राजेंद्र बाबू की जयंती समारोह से दूरी बना ली. बता दें कि आज ही चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना हो रही है. तीन राज्यों में भाजपा स्पष्ट जीत की ओर बढ़ रही है.
जयंती समारोह में शामिल नहीं हुए मुख्यमंत्रीः यहां बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 28 नवंबर से ही किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहे हैं. मुख्यमंत्री को वायरल फीवर हुआ था. लेकिन, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब वो स्वस्थ हो चुके हैं. चार दिसंबर को जनता दरबार का भी आयोजन हो रहा है जिसमें उनके शामिल होने की बात कही जा रही है, लेकिन इसके बाद भी राजेंद्र बाबू की जयंती समारोह में शामिल नहीं हुए.
राजेंद्र बाबू को श्रद्धा सुमन अर्पित की गयीः मुख्यमंत्री आवास के ठीक बगल राजेंद्र चौक में राजेंद्र बाबू की बड़ी प्रतिमा है. वहीं राजकीय समारोह आयोजित किया गया है. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के शामिल होने की सूचना अखबारों में विज्ञापन के माध्यम से दी गयी थी. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी कार्यक्रम में शामिल हुए. राजेंद्र बाबू को श्रद्धा सुमन अर्पित की गयी.
बीजेपी के बेहतर प्रदर्शन की नहीं थी उम्मीदः कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद इंडिया गठबंधन के लोग उत्साहित थे. उन्हें पूरी उम्मीद थी पांच राज्यों में जो विधानसभा चुनाव हो रहा है उसमें बीजेपी बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकेगी. लेकिन आज चार राज्यों का रिजल्ट आ रहा है, जिसमें से तीन राज्यों में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया है. इंडिया गठबंधन के नेताओं के लिए एक बड़ा झटका है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन की गतिविधियों को लेकर कांग्रेस पर नाराजगी भी जताते रहे हैं. बता दें कि पांच राज्यों के चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन की बैठक 6 दिसंबर को बैठक बुलाई गई है.