जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री. पटना: बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज 9 नवंबर को चौथा दिन था.पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी आरक्षण के मुद्दे पर सदन में बोल रहे थे. तभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भड़क गये. उन्होंने जीतन राम मांझी को तू तड़ाक करते हुए कहा कि उनकी गलती थी कि जीतन राम को मुख्यमंत्री बनाया. मुख्यमंत्री के इस बयान से नाराज जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार का दिमागी संतुलन ठीक नहीं है. अनाप-शनाप बोल रहे हैं.
"नीतीश कुमार अगर आपको लगता है कि आपने मुझे मुख्यमंत्री बनाया यह आपकी भूल है. जब जदयू विधायकों ने लतियाना शुरू किया तो उसके डर से आप कुर्सी छोड़कर भाग गए थे. अपनी नामर्दी छुपाने के लिए एक दलित पर ही वार कर सकते हैं, औकात है तो ललन सिंह के खिलाफ बोलकर दिखाइए जो आपका ऑपरेशन कर रहे थे."- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री
बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांगः जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार 74 साल के हैं और हम 80 साल के हैं. हम 1980 से विधायक हैं नीतीश कुमार 1985 में विधायक बने थे. उनसे उम्र में भी बड़े हैं और संसदीय इतिहास में भी बड़े हैं, उसके बावजूद तुम तुड़ाक कर रहे थे. जीतन राम मांझी ने कहा कि पूरे मामले को लेकर राज्यपाल से मिलेंगे और नीतीश कुमार की बर्खास्ती करने की मांग करेंगे. जीतन राम मांझी का कहना था कि नीतीश कुमार का दिमाग दूसरी तरफ चला गया. बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिये भी कहेंगे. राज्यपाल से समय लेकर उनसे मुलाकात करेंगे.
क्यों भड़के नीतीश कुमारः जीतन राम मांझी ने कहा कि आरक्षण विधेयक संशोधन पर विधानसभा अध्यक्ष ने बोलने का मौका दिया था. हम यही कह रहे थे कि हर 10 साल पर इसकी समीक्षा होनी चाहिए. ऐसा नहीं हो रहा है. जातीय गणना में गड़बड़ी की गई है उसकी भी बात मैंने की, इसी पर नीतीश कुमार भड़क गए. और तू तड़ाक करने लगे.
रबर स्टांप बनाया था नीतीश नेः जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार 2014 में हार गये थे. सब लोग इस्तीफा मांग रहा था. अपनी लाज बचाने के लिए मुझे मुख्यमंत्री बनाया था. मैं सीधा सादा था. दो महीना वो सब किया जो उन्होंने कहा. इस दौरान जीतन राम मांझी ने मीडिया से कहा कि आप लोगों ने ही रबर स्टांप कहना शुरू कर दिया था. तब जनता के लिए काम करना शुरू किया तो नीतीश के करीबी लोगों ने इसकी शिकायत की. उन्होंने मुझे हटा दिया.