जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी नई दिल्ली/पटना:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी एकजुटता की जो मुहिम चलाई थी वो अब रंग लाने लगी है. मुंबई में दो दिवसीय विपक्षी दलों की तीसरी बैठक में कई अन्य दलों के सम्मिलित होने की खबरें भी आ रही हैं. वहीं एक बार फिर से कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में गठबंधन के संयोजक का नाम तय होगा. इस रेस में शुरू से ही नीतीश कुमार का नाम सबसे आगे चल रहा है, लेकिन अब ऐसा लगता है कि नीतीश के नाम पर विपक्ष में सहमति नहीं बन पा रही है. नीतीश कुमार ने खुद बयान देते हुए कहा कि कोई दूसरा संयोजक बनेगा. वहीं जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने भी कहा है कि हमारे लिए सबसे जरूरी विपक्षी एकता और 2024 का चुनाव है.
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'एक झंडे के नीचे आए पूरा विपक्ष': केसी त्यागी ने कहा कि 2002 में पहली बार नीतीश कुमार ने तीसरे मोर्चे को समाप्त कर पहले मोर्चे की वकालत की थी. उन्हीं का प्रयास था कि कांग्रेस के साथ टीएमसी, आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी एक मंच पर आई, ये सभी पहले तीसरे फ्रंट की वकालत करने में लगे हुए थे. पटना में विपक्षी दलों की बैठक सफल रही. 31 अगस्त और 1 सितंबर को होने वाली बैठक में संरचनात्मक ढांचे पर, कार्यक्रमों, स्टेयरिंग कमेटी, और राज्यों में सीट शेयरिंग पर चर्चा होनी है.सबसे ज्यादा जरूरी है कि सारे दलों का एक झंडा बनाया जाए और सभी उसके नीचे एक होकर चुनाव लड़ें.
"कभी राहुल गांधी तो कभी नीतीश कुमार को लेकर बीजेपी भ्रामक प्रचार करती है. चुनाव में कोई भी चेहरा इंडिया का नहीं बल्कि कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और देश की 140 करोड़ जनता उसका चेहरा होगी. राहुल गांधी, ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, शरद पवार, सभी प्रधानमंत्री पद के लिए योग्यता रखने वाले सक्षम लोग हैं."-केसी त्यागी, वरिष्ठ नेता, जेडीयू
नीतीश कुमार के संयोजन बनने के सवाल पर केसी त्यागी:नीतीश कुमार प्रधानमंत्री और संयोजक बनने के सवाल पर केसी त्यागी ने कहा कि विपक्षी एकता के हम संस्थापक हैं, यह हमारे लिए बड़ी बात है. 2024 में हमारा गठबंधन जीते ये हमारे लिए अहम है. पद या प्रधानमंत्री पद हमारे लिए महत्वपूर्ण नहीं है. हालांकि केसी त्यागी ने नीतीश कुमार की योग्यता का बखान भी किया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार, पीएम उम्मीदवार और संयोजक के लिए सारी योग्यताएं रखते हैं. 15-16 साल से भी अधिक समय तक वे मुख्यमंत्री रहे हैं. आपातकाल में 19 महीने वे जेल में रहे हैं. अटल बिहारी वाजपेयी के समय में छह महत्वपूर्ण मंत्रिमंडल के पद उन्होंने संभाले हैं. लेकिन इन सब पद और प्रतिष्ठाओं से ऊपर हमारे लिए विपक्ष की एकता और 2024 का चुनाव है.