पटना: बिहार के छपरा जहरीली शराब कांड (Chapra Hooch Tragedy) में मचे कोहराम के बाद मानवाधिकार आयोग की 2 सदस्यीय टीम बिहार दौरे पर है. मानवाधिकार आयोग की टीम (human rights commission team in bihar) के आने से नीतीश सरकार परेशान है. आंकड़ों को लेकर ही सरकार की मुश्किलें बढ़ रही है. वहीं इस मुद्दे को लेकर बीजेपी लगातार नीतीश कुमार पर हमलावर है. दरअसल शराबबंदी के बावजूद लोगों की मौत और शराब तस्करी के मामले सरकार को परेशान कर रहे हैं.
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जांच में जुटी मानवाधिकार की टीम:छपरा जहरीली शराब में बड़े पैमाने पर हुई मौत को लेकर मानवाधिकार आयोग की 1 सदस्यीय टीम 20 दिसंबर को बिहार आयी थी. वहीं बुधवार को डीजी के 2 और सदस्यों की टीम बिहार पहुंची. मानवाधिकार की टीम जांच की रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगी. इसके अलावा टीम पीड़ित परिजनों, स्वास्थ्य सेवा और पुलिस प्रशासन से भी फीडबैक लेगी. गोरतलब है कि छपरा में जहरीली शराब के कारण 78 से अधिक लोगों की मौत हुई है. जिसमें 78 लोगों के नाम भी सामने आ गए हैं. लेकिन अभी तक 42 लोगों का ही पोस्टमार्टम किया गया है. बताया जा रहा है कि कई लोगों को बिना पोस्टमार्टम के ही जला दिया गया.
सही आंकड़ें छिपा रही है सरकार :विपक्ष जहरीली शराब से मौैत के मुद्दे को लेकर सरकार फर हमलावर है. बीजेपी लगातार सरकार पर सहीं आंकड़ें छिपाने का आरोप लगा रही है. बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी से लेकर नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा तक सरकार पर आंकड़ों को छिपाने का आरोप लगा रहे हैं. सुशील मोदी का कहना है कि पिछले 6 साल में 1000 से अधिक लोगों की मौत जहरीली शराब से बिहार में हुई है. लेकिन बिहार सरकार जो आंकड़ा दे रही है वह काफी कम है. विशेषज्ञ भी बताते हैं कि सरकार शराबबंदी को सफल बनाने के लिए सही आंकड़ें डालने से बचती रही है और इस बार भी कमोबेश यही स्थिति है. लेकिन इस बार विपक्ष के तेवर एक तरफ तल्ख हैं तो दूसरी तरफ मानवाधिकार आयोग की टीम के दौरे से सरकार की मुश्किलें बढ़ गई है. मानवाधिकार आयोग की जांच में क्या सामने आता है. यह देखना दिलचस्प होगा. फिलहाल मानवाधिकार की टीम परिजनों से पूरी जानकारी ले रही है.
चल रहा है आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला:विपक्ष के आरोपों पर सत्तापक्ष की तरफ से बिहार सरकार के मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार ने जवाब दिया कि 42 लोगों की मौत की पुष्टि एसपी ने की है. वहीं मंत्री लेसी सिंह का कहना है कि हम लोग आंकड़ा क्यों छिपाएंगे? सरकार को इससे क्या लाभ होगा? हालांकि इस मुद्दे को लेकर आरजेडी के विधायक और पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट में जो आंकड़े चल रहे हैं. वह सही है. सरकार अपना फेस बचाने के लिए आंकड़ा कम बता रही है.
देशभर में 6 सालों में 6974 मौतें:पिछले 6 सालों में पूरे देश में जहरीली शराब पीने से 6974 लोगों की मौत हुई है. वहीं बिहार सरकार के द्वारा जारी आंकड़ें के अनुसार बिहार में पिछले 6 सालों में केवल 23 मौते ही हुई है.