नीतीश ने राजस्व विभाग का तबादला रद्द किया. पटना:जून महीने में मद्य निषेध विभाग ग्रामीण विकास विभाग स्वास्थ्य विभाग समाज कल्याण विभाग खान एवं भूतत्व विभाग योजना एवं विकास विभाग पथ निर्माण विभाग, वाणिज्य , परिवहन विभाग, पंचायती राज, पीएचइडी, नगर विकास विभाग समेत कई विभागों में डॉक्टर अफसर इंजीनियर से लेकर अधिकारियों और सहायक तक के तबादले किए गए. मुख्यमंत्री ने पहले स्वास्थ्य विभाग का तबादला रद्द किया और अब मंगलवार को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में बड़े पैमाने पर हुए तबादले को भी रद्द कर दिया. इसको लेकर सियासत गरमा गयी है. भाजपा जहां गंभीर आरोप लगा रही है वहीं राजद के नेता कुछ भी कहने से बच रहे हैं.
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सहयोगी दलों के विभाग के तबादले हर साल रद्द करते हैं मुख्यमंत्री. धन उगाही का आरोपः जदयू प्रवक्ता सुनील कुमार सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री को जब शिकायत मिली उसके बाद ही उन्होंने फैसला लिया है. लेकिन इसका गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. इसलिए किसी तरह का कयास कोई लगाता है तो गलत साबित होंगे. आरजेडी फिलहाल पूरे मामले पर खुल कर बोलने से बच रही है आरजेडी प्रवक्ता का कहना है कि मामले को तेजस्वी यादव देख रहे हैं. वहीं बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा ने बिहार में तबादले के नाम पर अधिकारियों और कर्मचारियों से धन की उगाही करने का आरोप लगाया.
"सीओ, बीडीओ और बड़े अधिकारियों के तबादले में डाक लगाया जाता है. पैसा पेमेंट करने के बाद उनकी पोस्टिंग होती है. पहले भी टैक्स लगता था. पहले भी नीतीश कुमार के साथ रहने वाले एक व्यक्ति चर्चा में रहते थे. हमारे मंत्रियों के साथ भी किया था, इसलिए तो सवाल कर रहे हैं कि आखिर नीतीश बार बार ऐसा क्यों कर रहे हैं. अधिकार क्यों छीनते हैं. आप डायरेक्ट ट्रांसफर पोस्टिंग कीजिए, अच्छा रहेगा."-विनोद शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता
क्या है मामलाः30 जून को 1000 कर्मचारी और अधिकारियों के तबादले नीतीश सरकार में किए गए. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में 480 से अधिक अधिकारियों के तबादले किए गए थे. मुख्यमंत्री 25 दिनों बाद इसको रद्द कर देते हैं. केवल इसी विभाग के तबादले रद्द किए गए. हालांकि स्वास्थ्य विभाग में भी 500 तबादलों को जून में रद्द कर दिया गया था. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में तबादले रद्द किए जाने के कारण सियासत शुरू हो गई है.
एनडीए के समय भी रद्द किया था तबादलाः मुख्यमंत्री हर साल सहयोगी दलों के विभाग के तबादलों को रद्द करते रहे हैं. विशेषकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के तबादले. पिछले साल जब बिहार में एनडीए की सरकार थी और बीजेपी कोटे के मंत्री राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को देख रहे थे. एक सौ से अधिक तबादले हुए थे जिसे मुख्यमंत्री ने रद्द कर दिया था. उससे पहले राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में बीजेपी के मंत्री रामनारायण मंडल थे. उन्होंने जो तबादला किया था उसे भी मुख्यमंत्री ने रद्द कर दिया था.
फिलहाल सब शांति है: जेडीयू और आरजेडी के तरफ से भले ही सब कुछ ठीक-ठाक होने की बात कही जा रही है लेकिन पिछले दिनों जिस प्रकार से राजगीर मलमास मेला में तेजस्वी यादव शामिल नहीं हुए थे और आलोक मेहता भी नहीं गए थे उसके बाद भी मुख्यमंत्री की बैठकों से आरजेडी के मंत्री और तेजस्वी यादव दूरी बना रखी थी. इस बीच कई बोर्ड और निगम का गठन भी किया गया, जिसमें लालू परिवार के नज़दीकियों और महागठबंधन के घटक दलों के नेताओं को जगह दी गई है. लेकिन इसके बाद जिस प्रकार से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में तबादले रद्द किए गए हैं फिलहाल भले ही शांति है लेकिन आरजेडी और जदयू के बीच इस पर विवाद बढ़ सकता है.