पटना:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक हुई. मुख्य सचिवालय के कैबिनेट हाल में आयोजित इस बैठक में 23 एजेंडों पर मुहर लगी है. बिहार सचिवालय सेवा नियमावली 2023 और बिहार जिला परिषद नियमावली 2023 को स्वीकृति मिल गई है. वहीं, बिहार के 6 प्रमुख नगर पटना, मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर, दरभंगा और पूर्णिया के लिए 400 इलेक्ट्रिक बेसों की व्यवस्था ई-बस सेवा योजना के अंतर्गत करने के लिए सार्वजनिक परिवहन योजना को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है.
हाइकोर्ट में 81 पदों का होगा सृजन:पटना उच्च न्यायालय की स्थापना में आईटी संवर्ग में विभिन्न कोटि के 81 पदों के सृजन की स्वीकृति मिली है. इसके साथ ही राजवर्धन गुप्ता तत्कालीन अंचला अधिकारी हिलसा नालंदा निलंबित को बिहार सरकारी सेवा नियमावली 2005 के तहत सरकारी सेवा से बर्खास्त करने पर मुहर लगी है. बिहार राज्य अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय योजना के तहत 13 आवासीय विद्यालय के लिए 481 शिक्षकों के नए पद सृजन की स्वीकृति मिली है.
दंत चिकित्सा सेवा नियमावली 2023 को मंजूरी: कैबिनेट ने दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान में विभिन्न कोटि के कुल 33 पदों के सृजन को अपनी स्वीकृति दे दी है. साथ ही बिहार दंत चिकित्सा सेवा नियमावली 2023 को भी मंजूरी मिल गई है. वहीं, आत्मनिर्भर बिहार सात निश्चय दो के तहत आईआईटी पटना द्वारा 33 राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने की योजना के लिए 122 करोड़ 86 लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है.
'पटना पाइरेट्स' को प्रायोजित करने को मिली हरी झंडी:वहीं, बिहार में कबड्डी खेल को बढ़ावा देने बिहार की ब्रांडिंग राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर करने के लिए प्रो कबड्डी लीग की पटना पाइरेट्स टीम को बिहार वित्त नियमावली के तहत बिहार खेल प्राधिकरण द्वारा प्रायोजित किए जाने के संबंध में स्वीकृति मिली है.
स्क्रेपिंग प्रक्रिया की स्वीकृति:राज्य सरकार के सभी विभाग बोर्ड निगम और अन्य कार्यालयों के स्वामित्व वाले अनिवार्य स्क्रेपिंग के लिए चिह्नित 15 वर्ष पुराने सभी सरकारी वाहनों को निबंधित स्क्रेपिंग सुविधा के माध्यम से स्क्रेपिंग प्रक्रिया की स्वीकृति दी गई है.
तबीयत ठीक नहीं होने के कारण कई कार्यक्रम रद्द:पिछले एक सप्ताह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अस्वस्थ होने के कारण किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहे थे. उनके सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए गए थे. 30 नवंबर को मुख्यमंत्री को गृह जिले के राजगीर में महोत्सव में शामिल होना था लेकिन नहीं गए. प्रभारी मंत्री विजय कुमार चौधरी को उद्घाटन के लिए भेज दिया था. यहां तक की जनता दरबार का लेटर जारी होने के बाद भी उसे रद्द कर दिया गया था.