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SDG इंडेक्‍स: विकास की दौड़ में बिहार सबसे पीछे, केरल टॉप पर

नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, राज्यों की प्रगति संबंधी नीति आयोग की रिपोर्ट में सतत विकास लक्ष्यों के सूचकांक में बिहार का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन रहा है. यह भी कहा गया है कि पोषण और स्त्री-पुरुष असमानता देश के लिए समस्या बनी हुई है.

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विकास की दौड़ में बिहार सबसे पीछे

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Published : Jan 1, 2020, 3:10 PM IST

पटना/नई दिल्ली: एसडीजी की दिशा में राज्यों की प्रगति संबंधी नीति आयोग की इस साल की रिपोर्ट में केरल पहले स्थान पर रहा. वहीं, बिहार का प्रदर्शन सबसे खराब रहा. आयोग के एसडीजी भारत सूचकांक में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरण के क्षेत्र में राज्यों की प्रगति के आधार पर उनके प्रदर्शन को आंका जाता है और उनकी रैंकिंग की जाती है.
नीति आयोग की ओर से सोमवार को जारी एसडीजी भारत सूचकांक 2019 के अनुसार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम ने 2018 के मुकाबले काफी अच्छी प्रगति की है. जबकि गुजरात जैसे राज्यों की रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ. 2018 में उत्तर प्रदेश को 42 अंक मिले थे. लेकिन 2019 में इस राज्य ने कुल 55 अंक प्राप्त किए हैं.

केंद्र शासित प्रदेशों में चंडीगढ़ शीर्ष स्थान पर
रिपोर्ट में कहा गया है, 'सूचकांक में केरल 70 अंक के साथ शीर्ष पायदान पर बना रहा. केंद्रशासित प्रदेशों में चंडीगढ़ भी 70 अंक के साथ शीर्ष स्थान पर रहा.' सूची में हिमाचल प्रदेश दूसरे स्थान पर जबकि आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना तीनों तीसरे स्थान पर रहे. सतत विकास लक्ष्यों के इस साल के सूचकांक में बिहार, झारखंड और अरुणाचल प्रदेश का प्रदर्शन सबसे खराब रहा.

'तय लक्ष्यों को हासिल करने के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध'
नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, 'संयुक्त राष्ट्र का 2030 का एसडीजी लक्ष्य भारत के बिना कभी भी हासिल नहीं किया जा सकता. हम विकास के संयुक्त राष्ट्र में तय लक्ष्यों को हासिल करने के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.'
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य के मोर्चे पर दक्षिणी राज्यों का प्रदर्शन अच्छा रहा है. कुमार ने कहा, 'नीति आयोग के एसडीजी सूचकांक 2019 में पश्चिम बंगाल (14वां रैंक) का प्रदर्शन भी अच्छा रहा. लेकिन शैक्षणिक स्तर को देखते हुए राज्य को तीन बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों में होना चाहिए.'

रिपोर्ट के अनुसार, भारत का इस मामले में समग्र प्राप्तांक सुधरकर 2019 में 60 पर पहुंचा जबकि 2018 में यह 57 था. पानी और साफ-सफाई, बिजली और उद्योग के क्षेत्र में अच्छी सफलता हासिल हुई है. हालांकि, पोषण और स्त्री-पुरुष असमानता देश के लिए समस्या बनी हुई है. सरकार को इस पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है.

दो राज्यों का प्रदर्शन औसत से बेहतर
रिपोर्ट के मुताबिक, शीर्ष स्थान पाने वाले पांच राज्यों में से तीन का 12 लक्ष्यों को हासिल करने में प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से बेहतर रहा है. वहीं दो राज्यों का प्रदर्शन 11 मामलों में राष्ट्रीय औसत से बेहतर है.

गोवा ने दी भुखमरी को मात
गरीबी उन्मूलन के संदर्भ में जिन राज्यों का प्रदर्शन बेहतर रहा है, उसमें तमिलनाडु, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, मेघालय, मिजोरम और सिक्किम शामिल हैं. वहीं भुखमरी को पूरी तरह समाप्त करने के मामले में गोवा, मिजोरम, केरल, नागालैंड और मणिपुर आगे रहे.

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