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पटना को चुटकियों में मिल सकता है जाम से छुटकारा, NIT ने दी थ्री ई-सॉल्यूशन

एनआईटी पटनाा ने राजधानी पटना की सड़कों का अध्य्यन कर जाम से निपटने का सुझाव दिया है. एनआईटी ने सरकार को दिए थ्री ई-सॉल्यूशन का सुझाव दिया है. अगर इस पर सरकार अमल करें तो राजधानी वासियों को जाम से राहत मिलेगी.

पटना में जाम की समस्या से निजात दिलाने की सलाह देते फेसर संजीव सिन्हा

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Published : Aug 10, 2019, 4:42 PM IST

पटना:राजधानी पटना जाम से जूझ रही है. इससे राहत दिलाने के लिए एनआईटी ने सरकार को थ्री ई सॉल्यूशन दी है. इसमें इनफोर्समेंट, इंजीनियरिंग और एजुकेशन से जुड़ी कई योजनाएं हैं. NIT ने जाम की समस्या से जूझ रही तमाम सड़कों, चौक-चौराहों का सर्वे कर समाधान भी निकाला है.

कमिश्नर आनंद किशोर

एनआईटी ने अपने विशेषज्ञों से 16 सड़कों पर जाम और उसके कारणों का सर्वे कराया है. सर्वे के आधार पर पटना को 8 अल्पकालिक और 9 दीर्घकालिक योजनाओं से जाम की समस्या से निजात दिलायी जा सकती है. एनआईटी पटना के सिविल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संजीव सिन्हा ने इस संदर्भ में तीन महत्वपूर्ण समाधान सुझाए हैं.

प्रोफेसर संजीव सिन्हा

1.इनफोर्समेंट मेजर्स (Enforcement Measures)

  • इसके तहत सभी सड़कों, फुटपाथ और सड़क किनारे के नालों को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए.
  • बस, ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा की अवैध पार्किंग को तत्काल हटाया जाए.
  • पीक आवर में कमर्शियल बिल्डिंग के सामने अवैध पार्किंग को हटाना.
  • अवैध आर्केस्ट्रा रिक्शा ठेला पर रोक.
  • जानवर ढोने वाले वाहनों को रात 9 बजे से सुबह 9 बजे तक शहर में मिले इंट्री.
  • नगर निगम और अन्य जरूरी वाहनों को मिले परमिशन.

वही शहर में कोचिंग संस्थान और कमर्शियल प्रतिष्ठानों की वजह से ट्रैफिक की समस्या है. इससे निपटने के लिए संस्थान पार्किंग की व्यवस्था करे. सड़के किनारे वाहन पार्किंग पर भारी जुर्माना का प्रावधान.

2.तकनीकी मेजर्स (Engineering Measures)

  • इसके तहत चौराहों में सुधार, ट्रैफिक सिग्नल और संकेत का बोर्ड लगाया जाए.
  • ट्रैफिक मूवमेंट को नियंत्रित और नियमित करना.
  • वन वे टर्निंग मूवमेंट, पैदल रास्ते, भारी वाहनों का नियंत्रण.
  • बस, ऑटो रिक्शा और ई रिक्शा के पड़ाव का खाका तैयार करना
  • चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग सुविधाएं और जगहों को चिन्हित करने की व्यवस्था.
  • दो पहिया वाहनों के लिए मल्टी स्टोरी पार्किंग सुविधा के लिए जगह को चिन्हित करना.
  • पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करना और गुणवत्ता में सुधार लाना.
    पटना में जाम की समस्या

3.जागरुकता अभियान (education measures)

  • सड़कों के उपयोग पर स्कूल, कॉलेज में जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत.
  • पैदल पथों की भूमिका के बारे में जानकारी देना.
  • ड्राइविंग ट्रेनिंग और चालकों के लिए जागरूक बनाना.
  • कॉमर्शियल वाहन चालकों को ड्राइविंग के लिए जागरुकता.

16 स्थानों पर जाम की समस्या
प्रोफेसर संजीव कुमार बताते हैं कि अध्य्यन के दौरान पटना में 16 स्थानों पर जाम की समस्या पायी गई. पटना की 4 सड़के हैं जहां जाम की सबसे ज्यादा समस्या है. इसमें अशोक राज पथ, बेली रोड, कंकड़बाग रोड (ओल्ड बाइपास) और न्यू बाइपास इन इलाकों में प्राथमिकता के आधार पर ट्रैफिक में सुधार की जरूरत.

जाम की समस्या से जूझता पटना

जाम से ग्रसित पटना के चौक चौराहे
डाक बंगला चौराहा, बोरिंग रोड चौराहा, इनकम टैक्स, चौराहा, कारगिल चौराहा, राजापुर चौराहा, भट्टाचार्य रोड, आर ब्लॉक चौराहा, भूतनाथ मोड़, कंकड़बाग मोड़, आशियाना मोड़, गोला रोड मोड़, अनीसाबाद मोड़, पटना जंक्शन गोलंबर, बांस घाट क्रॉसिंग और कुर्जी मोड़ शामिल है.

कई सड़कें होगी वन-वे
वही पटना के कमिश्नर आनंद किशोर ने बताया कि जाम से निजात दिलाने की ओर प्रयासरत हैं. पटना को स्मार्ट सिटी डेवलप करने के लिए काम जारी है. फुटपाथ पर शेष बचे कच्चे भाग को भी पक्का किया जायेगा. साथ ही लोकेशन के आधार पर कई सड़कें वन वे की जायेगी.

यातायात सुधार के लिए बनी एक टीम
गौरतलब है कि यातायात में सुधार के लिए शहर में एक टीम बनी है. इसमें प्रशासन, ट्रैफिक पुलिस, नगर निगम और विशेषज्ञ शामिल हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि यातायात संबंधी समस्या जटिल है. इसका बड़े पैमाने पर अध्ययन और उपायों को लागू करके समाधान निकाला जा सकता है. इसमें पथ निर्माण विभाग, परिवहन विभाग और शिक्षाविद सहित अन्य स्टेकहोल्डर्स को भी शामिल करना चाहिए. ट्रैफिक संचालन की देखभाल के लिए एक यूनिफाइड कमांड के निर्माण की जरूरत है. जिसमें किसी भी उपाय को बिना देरी किए तत्काल लागू किया जा सके.

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