पटना: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला रविवार को कोटा में एलेन कोचिंग के एक कार्यक्रम में पहुंचे. यहां उन्होंने कोचिंग के बच्चों के साथ संवाद किया. इस कार्यक्रम में कोटा के सभी प्रमुख संस्थानों के छात्र-छात्राएं मौजूद थे. इस दौरान जब उन्होंने पूछा कि कार्यक्रम में उपस्थित कितने बच्चे बिहार से ताल्लुक रखते हैं तो जो जवाब आया वो सुनकर चौंक गई.
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निर्मला सीतारमण का कोटा छात्रों को संबोधन :अब आइये आपको बताते कि आखिर क्या हुआ. दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाद कार्यक्रम के दौरान एक-एक करके प्रदेश का नाम लेती गईं. जिस प्रदेश का नाम वित्त मंत्री ले रही थीं. उसी प्रदेश के बच्चे हाथ खड़े कर रहे थे. उन्होंने जैसे ही बिहा का नाम लिया तो एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों हाथ उठ गए. यह देख वित्त मंत्री आश्चर्य चकित हो गई. मुंह पर हाथ रखकर वो बच्चों को देखती रहीं. राजस्थान के कोटा में सबसे ज्यादा बच्चे बिहार से हैं. इसी दौरान वित्त मंत्री ने बिहार के छात्र अनिरुद्ध राज समेत तमाम बच्चों के सवाल का जवाब दिया.
बिहार के स्टूडेंट्स की संख्या सुन चौंक गईं वित्त मंत्री : इस दौरान वित्त मंत्री ने बच्चों से अपने संवाद (Nirmala Sitharaman interact with Kota students) में कहा कि देश में वर्तमान में डेडीकेटेड लीडरशीप दिख रही है. करप्शन फ्री काम हो रहा है. ऐसे में अगर करप्शन नहीं होता है तो लोगों की साइकोलॉजी बदलती है. उन्होंने कहा कि भारत की ज्यादातर आबादी युवा है. यहां आबादी के हिसाब से 25 से 30 साल की जनसंख्या अधिक है. ऐसे में देश को मिलने वाला एक अच्छा नेतृत्व यहां पर युवा जनसंख्या पर भी काफी प्रभाव डालता है.
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारण
वित्त मंत्री से बच्चों ने पूछे टैक्स पर सवाल : वित्त मंत्री से एक छात्रा अंशिका बरोड़ा ने सवाल पूछा कि आप टैक्स जमा कराने के लिए लोगों को कैसे प्रेरित करती हैं. इस सवाल पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अच्छी शिक्षा, अच्छा हेल्थ सिस्टम और इंफ्रास्ट्रक्चर चाहित तो टैक्स कलेक्शन जरूरी है. उन्होंने कहा कि देश के किसानों, मजदूरों और समाज के सभी लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए टैक्स जरूरी होता है.
मेंटल हेल्थ न कहां तक पहुंचा? : वित्तमंत्री से चात्रा चेष्टा दासवानी का सवाल था कि बजट में मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन शुरू करने का प्रावधान था, वो कहां तक पहुंचा?. इस सवाल पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोविड 19 के बाद जब स्कूल बंद थे. बच्चे और पैरेंट्स घर पर थे, इस दौरान इसकी जरूरत महसूस हुई. हम दवा और वैक्सीन के जूझ रहे थे. आज बच्चे स्ट्रैस में हैं. उन्हें साइकेट्रिक की जरूरत है और ऐसे में उन बच्चों तक पहुंचने के लिए यह जरूरी ता. इस संबंध में अब तक काफी डाटा हम कलेक्ट कर रहे हैं और इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा.