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संजय जायसवाल के बयान पर JDU का पलटवार- 'सदन में तारीफ और फेसबुक पर अपने डिप्टी CM पर खड़े कर रहे सवाल'

विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर बिहार में सियासत इन दिनों जोरों पर है. सत्ता में मौजूद दो बड़े दल खुद इस मामले को लेकर लगातार आमने-सामने हैं. एक बार फिर विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर बीजेपी जेडीयू अपनी-अपनी दलीलें दे रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर....

बीजेपी ने जेडीयू को दिखाया 'आइना'
बीजेपी ने जेडीयू को दिखाया 'आइना'

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Published : Feb 7, 2022, 3:31 PM IST

Updated : Feb 7, 2022, 4:08 PM IST

पटना: बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग (Special Status For Bihar) को लेकर बिहार में सियासत गर्म है. जैसे ही जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्पेशल स्टेटस की मांग को लेकर मुखर हुए, जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के खिलाफ मोर्च खोल दिया. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का मानना है कि बिहार को विकसित करने के लिए उद्योगों को बढ़ावा देना होगा. बिहार सरकार केंद्र द्वारा भेजे जा रहे बजट का खर्च नहीं कर पा रही है. इस बयान के आते ही जेडीयू ने नसीहत देते हुए कहा कि2020 में राजग सरकार का गठन आत्मनिर्भर बिहार के 7 निश्चय के आधार पर हुआ है, इस मूल मुद्दे से कभी भटकना नहीं चाहिए. अब जेडीयू नेता नीरज कुमार (Niraj kumar On Sanjay Jaiswal Statement) ने इसका जवाब दिया है.

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नीरज कुमार ने आंकड़े दिखाते हुए संजय जायसवाल को जवाब दिया कि खुद उनकी पार्टी के नेता और उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने 2022-23 के बजट से पहले बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री को मेमोरेंडम सौंप कर विशेष राज्य के दर्जे की मांग की थी. तो क्या उन्होंने गलत किया था. विशेष राज्य के दर्जे पर सदन के अंदर सहमती क्यों प्रदान की. जब इसका विरोध ही करना था.

'आपके ही पार्टी के वित्त मंत्री हैं तारकिशोर प्रसाद, उन्होंने ही कहा है कि बिहार को 2018 के बाद केंद्र से कम राशि मिल रही है. बिहार को विशेष मदद की जरूरत है, केंद्र-राज्य पैटर्न के अलावा बिहार को अलग से कुछ मिल नहीं रहा है, बिहार को मदद चाहिए और आपने यह कैसे कह दिया कि बिहार सरकार कामकाज नहीं कर रही है. यह तो आप अपने उपमुख्यमंत्री पर ही सवाल खड़ा कर रहे हैं'- नीरज कुमार, प्रवक्ता, जदयू

दरअसल बिहार बीजेपी के अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने सोमवार को जदयू को आइना दिखाते हुए आंकड़ों के जरिए बताया था कि महाराष्ट्र की आबादी बिहार से एक करोड़ ज्यादा है, फिर भी बिहार को महाराष्ट्र के मुकाबले 31 हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिलते हैं, जबकि पश्चिम बंगाल भी बिहार की भांति पिछड़ा राज्य है लेकिन उसके मुकाबले भी बिहार को 21 हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिलता है.

जायसवाल ने कहा था कि जीएसटी से सबसे ज्यादा फायदा बिहार जैसे राज्य को हुआ है. पहले जिस राज्य में उद्योग स्थापित होते थे उनको अलग से कमाई होती थी. अब इस कमाई का बड़ा हिस्सा उपभोक्ता राज्य में बंटता है जिसके कारण बिहार को 20 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त फायदा हुआ है .

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जायसवाल ने अपने फेसबुक वॉल पर पोस्ट कर लिखा कि अगर बिहार को आगे बढ़ाना है तो सरकार को हर हालत में उद्योगों को बढ़ावा देना होगा. उन्होंने कहा, "जब तक हम औद्योगिक नीतियां लाकर नए उद्योगों को बढ़ावा नहीं देंगे तब तक ना हम रोजगार देने में सफल हो पाएंगे और ना हीं बिहार की आय बढ़ेगी. जहां भी संभव हो वहां प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप होनी चाहिए. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि उद्योग लगाने वालों को विलेन समझने की मानसिकता बिहार को कहीं का नहीं छोड़ेगी.''

उन्होंने कहा, "हम 6 वर्षों में भी प्रधानमंत्री के दिए हुए पैकेज का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पाए हैं. अभी भी 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया है. उदाहरण के तौर पर रक्सौल हवाईअड्डे के लिए प्रधानमंत्री पैकेज में ढाई सौ करोड़ रुपए मिल चुके हैं लेकिन बिहार सरकार द्वारा अतिरिक्त जमीन नहीं देने के कारण आज भी यह योजना रुकी हुई है. प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना में भी बिहार को हजारों करोड़ रुपए मिलने हैं."'

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बीजेपी नेता ने नसीहत देते हुए कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं का समुचित उपयोग करना होगा. उन्होंने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में 6 हजार करोड़ की राशि बिहार सरकार को आवंटित की गई थी लेकिन जल नल योजना के मद में हमने यह पैसे नहीं लिए. जनसंख्या नियंत्रण को जरूरी बताते हुए जायसवाल ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए हमें स्वयं काम करना होगा. केवल यह सोच कि समाज स्वयं शिक्षा के साथ जनसंख्या को नियंत्रित कर लेगा.

उन्होंने सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि सरकारी राशि का उपयोग कल्याणकारी योजनाओं में होना चाहिए. जायसवाल ने कहा कि 2020 में राजग सरकार का गठन आत्मनिर्भर बिहार के 7 निश्चय के आधार पर हुआ था. हमें इस मूल मुद्दे से कभी भटकना नहीं चाहिए.

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Last Updated : Feb 7, 2022, 4:08 PM IST

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