पटना:राजधानी के कदमकुआं स्थित राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में पिछले दिनों कॉलेज के पीजी के मेडिकल छात्रों ने प्रोत्साहन राशि की मांग को लेकर 2 दिनों तक कॉलेज में धरना-प्रदर्शन किया था. आयुर्वेद के पीजी छात्रों की मांग थी कि उन्हें भी एलोपैथिक पीजी मेडिकल स्टूडेंट्स की तर्ज पर एक माह की प्रोत्साहन राशि दी जाए. क्योंकि कोरोना काल के दौरान उनकी भी छुट्टियां रद्द हुईं और वे भी अस्पताल में निरंतर ड्यूटी करते रहे.
यह भी पढ़ें-पटना: सरकारी स्कूल में भारी संख्या में पहुंची छात्राएं, सोशल डिस्टेंस का किया जा रहा पालन
छात्र अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. इसी कड़ी में छात्रों ने 26 फरवरी को कॉलेज के प्रिंसिपल के चेंबर में घुसकर गेट पर बाहर से ताला लगा दिया था, जिससे कई शिक्षक और प्राचार्य घंटों बंधक बने रहे. छात्रों के इस कृत्य पर संज्ञान लेते हुए आयुर्वेद महाविद्यालय प्रबंधन ने 9 पीजी मेडिकल स्टूडेंट्स को 6 महीने के लिए निष्कासित किया है.
छात्रों ने बंद करा दिया था कई विभागों का काम
आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉक्टर दिनेश्वर प्रसाद ने बताया कि वे छात्रों की मांग से हम सहमत हैं. मगर छात्रों ने विरोध के लिए जो रवैया अपनाया वह गलत है. उन्होंने कहा कि छात्र प्रोत्साहन राशि की मांग को लेकर आयुर्वेद कॉलेज के गेट पर धरना दे रहे थे. 26 फरवरी को विरोध प्रदर्शन कर रहे पीजी के छात्रों ने कॉलेज के कई विभागों को बंद करा दिया था. इसके साथ ही आयुर्वेद अस्पताल में भी काम ठप करा दिया था.
दिनेश्वर प्रसाद ने कहा "छात्रों ने प्रिंसिपल ऑफिस के गेट पर बाहर से ताला जड़ दिया था. मैं और मेरे साथ मौजूद कॉलेज के कई शिक्षक घंटों बंदी बने रहें. छात्रों की इस हरकत पर स्थानीय थाना, डीएम, एसएसपी और स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया गया था. स्थानीय पुलिस के आने पर छात्रों ने गेट खोला था."
कॉलेज की प्रतिष्ठा हुई धुमिल
प्राचार्य ने कहा "उस समय कॉलेज में नए सत्र का नामांकन चल रहा था. छात्रों के विरोध प्रदर्शन के चलते इस काम में बाधा आई थी. कई नए छात्र और उनके साथ आए अभिभावक भी काफी प्रभावित हुए थे. वे भी कॉलेज परिसर में घंटों बंधक बने रहे."
"पीजी के छात्रों की इस हरकत की वजह से कॉलेज की प्रतिष्ठा धूमिल हुई थी. इसके चलते कॉलेज में अनुशासन समिति की बैठक हुई, जिसमें निर्णय लिया गया कि प्रदर्शन के दौरान अधिक सक्रिय छात्रों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. पीजी के 9 छात्रों को 6 माह के लिए कॉलेज से निष्कासित किया गया है. इस दौरान ये छात्र कॉलेज की तमाम गतिविधियों से दूर रहेंगे."- प्रोफेसर डॉक्टर दिनेश्वर प्रसाद, प्रचार्य, राजकीय आयुर्वेद कॉलेज