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Chapra Hooch Tragedy: NHRC की टीम पहुंची बिहार, सच जानने में जुटी - छपरा में जहरीली शराब से मौत

सारण में पिछले दिनों में 73 लोगों की जहरीली शराब से मौत (Chapra Poisonous Liquor Case) हो गई. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने इस मामले में संज्ञान लिया था. अब टीम जहरीली शराब से हुई मौतों की जांच के लिए बिहार में है. पढ़ें पूरी खबर

राष्ट्रीय मानवाधिकार की टीम पहुंची पटना
राष्ट्रीय मानवाधिकार की टीम पहुंची पटना

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Published : Dec 20, 2022, 2:08 PM IST

Updated : Dec 20, 2022, 7:17 PM IST

बिहार में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम

पटनाःछपरा में जहरीली शराब से 73 लोगों की मौत को लेकर आज राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission team in Bihar) के 10 सदस्य टीम पटना पहुंची. पटना एयरपोर्ट से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम से छपरा के लिए रवाना हो गई. इस टीम के सदस्यों ने छपरा सदर अस्पताल में डॉक्टरों के साथ बैठक की. इससे पहले पटना एयरपोर्ट पर टीम ने मीडिया से कुछ बात करने से इनकार कर दिया. जिस तरह से छपरा में जहरीली शराब से लोगों की मौत हुई है, उसको लेकर पहले ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया था और पहले से कहा जा रहा था कि उनकी टीम यहां पर पहुंचेगी.

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एनएचआरसी ने जारी की थी नोटिसः बिहार में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत के बाद नीतीश सरकार को हाल ही में एनएचआरसी ने नोटिस जारी की था. आयोग ने ट्वीट कर कहा था कि अपने एक सदस्य की अध्यक्षता में अपनी स्वयं की जांच टीम बनाई है. यह टीम बिहार के अन्य जिलों में मौके पर जाकर जांच करेगी. आयोग यह जानने के लिए चिंतित है कि इन पीड़ितों को कहां और किस प्रकार का चिकित्सा उपचार प्रदान किया जा रहा है. एनएचआरसी टीम घटनास्थल का दौरा कर आयोग को अपनी रिपोर्ट पेश करेगा.

ज्यादातर गरीब परिवार के लोगों की मौतः राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने कहा था कि जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से ज्यादातर गरीब परिवारों से हैं और शायद निजी अस्पतालों में महंगा इलाज नहीं करा सकते, इसलिए राज्य सरकार के लिए यह अत्यंत आवश्यक हो जाता है कि जहां कहीं भी उपलब्ध हो, उन्हें सर्वोत्तम हर संभव चिकित्सा उपचार प्रदान किया जाए.

आयोग राज्य सरकार द्वारा दी गई राहत और पुनर्वास के बारे में और साथ ही, बिहार राज्य में रुक-रुक कर हो रहे इस सामाजिक खतरे को पूरी तरह से खत्म करने की दृष्टि से पूरे राज्य में गुप्त अवैध शराब बनाने वाले हॉट स्पॉट को बंद करने के लिए किए गए या किए जाने वाले उपायों के बारे में जानना चाहता है. आयोग ने कहा था कि उन्होंने नोट किया है कि अप्रैल, 2016 में बिहार सरकार ने राज्य में शराब की बिक्री और खपत पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था और इसलिए ऐसी घटनाओं से संकेत मिलता है कि वह अवैध और नकली शराब की बिक्री को रोकने में सक्षम नहीं है.

कई जिलों में हुई है मौतः आयोग के अनुसार 17 दिसंबर, 2022 को की गई मीडिया रिपोटों के अनुसार, सीवान जिले में पांच व्यक्तियों और बेगूसराय जिले में एक व्यक्ति की मौत की सूचना मिली थी, जबकि 14 दिसंबर, 2022 को हुई जहरीली शराब त्रासदी में 73 लोगों की मौत हुई है, जबकि सरकारी आंकड़ों में 38 लोगों की मौत हुई है.

Last Updated : Dec 20, 2022, 7:17 PM IST

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