पटना:बिहार में छठे चरण के शिक्षक नियोजन (Shikshak Niyojan) की काउंसलिंग (Counseling) में चयनित अभ्यर्थी जल्द से जल्द सर्टिफिकेट जांच कराने और नियुक्ति पत्र दिए जाने की मांग कर रहे हैं. इस मामले में शिक्षा विभाग (Education Department) ने तमाम जिला शिक्षा पदाधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है. जिसके तहत सभी जिलों को अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों (Certificates) की शीघ्र जांच करने का निर्देश दिया गया है.
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शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार (Sanjay Kumar) ने बिहार के तमाम जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन को लेकर निर्देश जारी किया है. अपर मुख्य सचिव के निर्देश के मुताबिक सभी जिलों में एक पदाधिकारी को नामित करते हुए उन्हें बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BIEC) से संबंधित सर्टिफिकेट की जांच का जिम्मा देने की बात कही गई है.
इसके अलावा राज्य के विश्वविद्यालयों से संबंधित प्रमाण पत्रों की जांच के लिए विशेष दूत के माध्यम से सत्यापन कराने को कहा गया है. वहीं राज्य के बाहर के विश्वविद्यालयों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन की व्यवस्था भी विशेष दूत के माध्यम से कराने का निर्देश सभी जिलों को अपर मुख्य सचिव ने दिया है.
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शैक्षणिक प्रमाणपत्रों (Academic Certificates) की जांच के अलावे नियुक्ति के लिए अन्य प्रमाण पत्र जैसे कि जाति प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र और आय प्रमाण पत्र का सत्यापन कराने का निर्देश भी सभी जिलों को शिक्षा विभाग की ओर से दिया गया है. सभी जिलों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि चयनित अभ्यर्थियों द्वारा जमा प्रमाण पत्र के अंकों का मिलान संबंधित नियोजन इकाई की अंतिम मेधा सूची (Merit List) में शामिल प्रविष्टि से किया जाए. अगर मेधा सूची के निर्माण में गलत प्रविष्टि मिले तो संबंधित नियोजन इकाई के विरुद्ध तत्काल अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की जाए. वहीं अगर चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र के सत्यापन के क्रम में किसी अभ्यर्थी का प्रमाण पत्र फर्जी पाया जाता है तो उसके विरुद्ध तुरंत एफआईआर (FIR) दर्ज करने का निर्देश दिया गया है.
आपको बता दें कि बिहार में छठे चरण के प्राथमिक शिक्षक नियोजन के तहत 90762 प्राथमिक शिक्षकों की बहाली होनी है. अब तक हुई काउंसलिंग में 38000 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, जिनके सर्टिफिकेट की जांच को लेकर विभाग ने यह निर्देश जारी किया है. हालांकि इस निर्देश को लेकर अभ्यर्थियों की नाराजगी सामने आने लगी है. उनका कहना है कि इस प्रक्रिया में वर्षों लग सकते हैं. शिक्षा विभाग पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि जब तक सर्टिफिकेट की जांच पूरी नहीं होगी, तब तक शिक्षक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं मिलेगा.