पटनाःबिहार विधानसभा चुनाव में इस बार बड़ी संख्या में नए विधायक चुनकर आए हैं. बिहार में पहले से ही विधायकों के आवास को लेकर बड़ी समस्या आ रही है, अब नए विधायकों के लिए भी आवास चाहिए. लेकिन इसकी व्यवस्था अभी तक नहीं हो सकी है. हार चुके विधायकों ने अपना आवास नहीं छोड़ा है. विधानसभा का सत्र अगले महीने से शुरू होगा और करीब एक महीने तक चलेगा. ऐसे में नए विधायकों को होटल में या फिर किराए के मकान में ही रहना होगा.
सभी दल में चुनकर आए हैं नए विधायक
पिछले दिनों भवन निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ विधानसभा अध्यक्ष ने आवास को लेकर बैठक की थी. पटना के कारगिल चौक के पास विधायकों के आवास का निर्माण पिछले कई सालों से हो रहा है. 246 फ्लैट्स का निर्माण किया जाना है. जिसमें से 190 पर काम शुरू कराया गया है. एक सौ फ्लैट्स का स्ट्रक्चर पूरा हो गया है और 62 फ्लैट्स में काम बहुत ज्यादा नहीं बचा है. विधानसभा अध्यक्ष ने इसे जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है.
लेकिन पूरा मामला कोर्ट में है और इसके कारण भी विधायकों के फ्लैट्स के निर्माण में विलंब हो रहा है. पटना में विधायकों के लिए जो फ्लैट्स हैं, उसमें पहले से विधायकों का कब्जा है. काफी संख्या में विधायक इस बार चुनाव हार गए हैं, तो भी आवास नहीं छोड़े हैं. वरीयता के आधार पर विधायकों को आवास आवंटित किया गया है, लेकिन नए विधायक आवास से वंचित हैं और नए विधायकों को किराए के मकान में ही रहना होगा. ऐसे विधानसभा सत्र के दौरान होटल में भी रहने की सुविधा विधानसभा के तरफ से दी जाएगी. विधायक के साथ सुरक्षाकर्मी भी रहते हैं. हालांकि सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि विधायक जी जैसी व्यवस्था करेंगे, उसी में रहना होगा.
कई नए विधायक आए हैं जीतकर
इस बार बीजेपी विधायकों की संख्या 2015 के मुकाबले अधिक है. वहीं, जदयू ने भी इस बार कई नए चेहरे को उतारा था. उनकी पार्टी को केवल 43 सीट पर ही जीत मिली है. जिसमें कई नए विधायक भी हैं. वहीं, इस बार माले को 19 सीट पर जीत मिली है. ओवैसी की पार्टी पहली बार 5 सीट जीती है. बसपा और लोजपा के विधायक भी पहली बार जीत कर आए हैं. आरजेडी के भी कई विधायक नये हैं. ऐसे में पहले से विधायकों के लिए आवास कम थे, अब नए विधायकों के आने से परेशानी और बढ़ रही है.