लखनऊ: राजधानी में मारे गए बिहार के मोस्टवांटेड अपराधी वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर (Gorakh Thakur Murder Case) को ढेर करने का चक्रव्यूह बेतिया पुलिस ने 3 साल पहले ही रचा था. लखनऊ पुलिस के मुताबिक, 2019 के हमले में बचने के बाद गोरख ठाकुर बेतिया के एक राजनीतिक हस्ती के यहां शादी में शामिल होने गया था. पुलिस को इसकी भनक पहले से थी और उसने गोरख के एनकाउंटर की पूरी बिसात बिछा रखी थी. बावजूद इसके पुलिस को चाखमा देकर गोरख वहां से बच निकला. तभी से बिहार पुलिस गोरख को जिंदा या मुर्दा किसी भी सूरत में पकड़ने पर आमादा थी.
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गोरख ठाकुर बिहार में बेतिया पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुका था. शिकारपुर व नरकटियागंज रेल थाना में उसके खिलाफ लूट, डकैती रंगदारी हत्या के प्रयास और हत्या के 17 मुकदमे दर्ज थे. साल 1997 से 2022 तक गोरख ठाकुर बेतिया के हर उस व्यापारी से रंगदारी मांगता था, जिसे उसके इलाके में नया धंधा जमाना होता था. लखनऊ पुलिस के मुताबिक, गोरख के बढ़ते आपराधिक साम्राज्य को रोकने के लिए बिहार पुलिस उसे गिरफ्तार करने या फिर ढेर करने का मन बना चुकी थी.
साल 2019 को खुद पर जानलेवा हमला होने के बाद गोरख भी फूंक-फूंककर कदम रखने लगा था. इसी दौरान उसके बिहार के बेतिया में राजनीतिक दोस्त के घर शादी समारोह में शामिल होने गोरख ठाकुर पहुंचा हुआ था. इस बात की खबर बेतिया पुलिस को पहले से थी. गोरख के पहुंचने से पहले ही बेतिया पुलिस ने उसे ढेर करने का चक्रव्यूह तैयार कर लिया था. लेकिन, इस बात की खबर गोरख को लग गई. गोरख ने अपने सबसे खास गुर्गे से शादी में आई बारातियों की एक कार मंगवाई और उसमें बैठकर फरार हो गया.
फिरदौस, शहाबुद्दीन गैंग का शूटर बिहार में नाकाम होने पर लखनऊ आई थी बेतिया पुलिस
सूत्रों के मुताबिक, बिहार में गोरख ठाकुर को ढेर करने का एक मात्र मौका चूक जाने पर बेतिया पुलिस उसकी तलाश में लखनऊ आई थी. लेकिन, गोरख यहां भी उसके हाथ नहीं लगा था. दिव्यांग होने के बावजूद गोरख बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहा था. हालांकि, साल 2019 में गोलीकांड के बाद लखनऊ और बिहार पुलिस को यह मालूम था कि मोस्टवांटेड अपराधी गोरख कहां रह रहा था.
मरने के बाद भी गोरख के खौफ से बंद है जुबान
वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर की हत्या के बाद हत्यारों की तलाश में कैंट थाने व क्राइम ब्रांच के 4 सदस्य पिछले 3 दिन से नरकटियागंज में डेरा डाले हुए हैं. नामजद आरोपी प्रियंका, बिट्टू और फिरदौस के घर छापेमारी के बाद टीम इन तीनों की जानकारी जुटा रही है. बिहार गए कैंट थाने के दारोगा मो. यासीन ने बताया कि अभी तक उन्हें कोई भी सफलता नहीं मिल सकी है. उन्होंने बताया कि पूरे शिकारपुर थाना, नरकटियागंज के हर मोहल्ले में गोरख की हत्या हो जाने के बाद भी दहशत है. गोरख के नाम का खौफ इतना है कि कोई भी गोरख व फिरदौस के बारे में बात नहीं करना चाहता है.
पुलिस की वर्दी में शूटर ने मारी थी गोरख को गोली
25 जून को कैंट थाना क्षेत्र के निलमथा में बिहार के मोस्टवांटेड अपराधी वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर की उसी के घर पर चार शूटर ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. घटना के दौरान घर पर गोरख की दूसरी पत्नी खुशबुन तारा, 2 बच्चे और 3 सुरक्षाकर्मी मौजूद थे, जिन्हें हत्यारों ने कमरे में बंद कर दिया था. पुलिस को वारदात की जगह लगे सीसीटीवी में 4 शूटर दिखे थे, जो बिहार पुलिस की वर्दी पहन एक सफेद कार से आये थे. गोरख की पत्नी ने हत्या की एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें गोरख की पहली पत्नी प्रियंका, उसके पति बिट्टू और शहाबुद्दीन गैंग के शूटर फिरदौस को नामजद किया गया था.