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बाढ़ को लेकर नेपाल ने नीतीश सरकार को किया सचेत, आपदा मंत्री बोले- हालत से निपटने के लिए तैयार

आपदा विभाग के मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने कहा कि नेपाल सरकार की ओर से इनपुट मिलने के बाद बाढ़ संभावित बिहार 25 जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 25 टीमों की तैनाती कर दी गई है. 5 टीमों को रिजर्व में रखा गया है.

आपदा विभाग के मंत्री लक्ष्मेश्वर रा
आपदा विभाग के मंत्री लक्ष्मेश्वर रा

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Published : Jul 9, 2020, 5:03 PM IST

पटना: बिहार में संभावित बाढ़ के मद्देनजर बिहार सरकार और आपदा विभाग अलर्ट है. नेपाल की सरकार ने भी आगामी 10 से 15 जुलाई के बीच में भारी वर्षा की आशंका व्यक्त करते हुए बिहार में बाढ़ की संभावना को लेकर भारत सरकार को अलर्ट भेज दिया है.

नेपाल सरकार की ओर से अलर्ट के इनपुट मिलते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी आपदा विभाग समेत कई विभागों को हाई अलर्ट जारी कर दिया है. इस मामले पर आपदा विभाग के मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने बताया कि बिहार को संभावित बाढ़ से बचाने के लिए आपदा विभाग पूरी तरह से सचेत और सतर्क है. इसके अलावे विभाग हरसंभव तैयारी भी कर रही है.

'25 जिलों में तैनात किये गए एनडीआफएफ'
आपदा विभाग के मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने कहा कि नेपाल सरकार की ओर से इनपुट मिलने के बाद बाढ़ संभावित बिहार 25 जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 25 टीमों की तैनाती कर दी गई है. 5 टीमों को रिजर्व में रखा गया है. जरूरत के हिसाब से उन टीमों को भी संबंधित जिले में भेजा जाएगा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'हालात से निपटने के लिए पूरी तैयारी'
आपदा मंत्री ने बताया कि बाढ़ के मद्देनजर सुरक्षित स्थल की भी व्यवस्था कर ली गई है. भावित जिलों में बाढ़ संबंधित सामग्री के लिए टेंडर भी निकाल दिया गया है. भावित जिलों के लिए नाव के साथ-साथ सुखा राशन त्रिपाल पानी और भोजन-पेयजल की व्यवस्था तैयारी पूरी कर ली गई है. संबंधित जिले के डीएम को हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है.

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'तटबंध की निगरानी बढ़ाई गई'
लक्ष्मेश्वर राय ने बताया कि नेपाल में भारी वर्षा की संभावना के वजह से बिहार में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. संभावित खतरे को लेकर बिहार सभी तटबंधों की निगरानी बढ़ा दी गई है. लोगों को अलर्ट रहने का निर्देश भी दिया गया है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद से हालात पर नजर बनाए हुए हैं. किसी तरह की कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

हर साल बाढ़ की त्रासदी
गौरतलब है कि बिहार में हर साल बाढ़ अपनी मौजूदगी दर्ज कराते रहा है. नेपाल से सटे सीमावर्ती जिले खासकर लगभग हर साल बाढ़ की त्रासदी को झेलने को लाचार रहता है. प्रदेश में पिछले साल भी बाढ़बाढ़ आई थी. साल 2017 में भी बाढ़ ने पूरे उत्तर बिहार में भीषण तबाही मचायी थी.

बता दें कि उत्तर बिहार की करीब 76 फीसदी आबादी लगभग हर साल बाढ़ का दंश झेलती है. देश के कुल बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में से 16.5 फीसदी बिहार में है और देश की कुल बाढ़-प्रभावित आबादी में से 22.1 फीसदी बिहारी है. कोसी क्षेत्र में तटबंधों से सटे कुछ इलाके तो ऐसे हैं, जहां हर साल बाढ़ आती है. लाखों के जान-माल का नुकासान होता है. ऐसा लगता है मानो बाढ़ यहां के लोगों की नियति बन चुकी हो.

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