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VIDEO: पटना में लोग मौत को दे रहे निमंत्रण, कहा- 'अब तो आदत सी हो गई' - ईटीवी भारत बिहार

Patna News बिहार के पटना में रोजाना हजारों लोग मौत को आमंत्रण देते हैं. मामला राजधानी पटना के मीठापुर गया गुमटी है. यहां के लोगों को खुद को खतरे में डालने की आदत सी हो गई है. लेकिन प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं है. लोगों की लापरवाही का देखे VIDEO...

यह जानलेवा हैः पटना में ट्रेन के नीचे से रेलवे ट्रैक को पर करते लोग.
यह जानलेवा हैः पटना में ट्रेन के नीचे से रेलवे ट्रैक को पर करते लोग.

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Published : Dec 16, 2022, 5:28 PM IST

यह जानलेवा हैः पटना में ट्रेन के नीचे से रेलवे ट्रैक को पर करते लोग.

पटनाः बिहार के पटना में रेलवे विभाग (railway department Patna) की लापरवाही से कई लोगों की जान खतरे में है. लोग रोजाना रेलवे ट्रैक को पार कर मौत को आमंत्रण देते हैं. मामला पटना-सचिवालय थाना क्षेत्र का है. जहां एक बड़ी आबादी हर दिन जिंदगी दांव पर लगा रही है. लेकिन प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं है. जिससे लोग मनमानी करने से बाझ नहीं आ रहे हैं. इस कारण हादसे की आशंका बनी रहती है.

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जोखिम जानःमामला राजधानी पटनी के मीठापुर-गया रेलवे गुमटी का है. जहां आर ब्लॉक आने-जाने वाले हजारों लोग जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक पार करते है. लोगों का कहना है कि रेलवे प्रशासन सालों से प्लेटफार्म वाला स्टेशन बनाने की हात कह रही है लेकिन अभी तक कोई काम नहीं हो पाया है. इसलिए रेलवे ट्रैक को पार करने की मजबूरी है. ट्रेन खड़ी होने के बाद बच्चे, बूढ़े, जवान सभी नीचे से ट्रैक पार करते हैं. जिस वजह के कई बार हादसा भी हो चुका है.

ज्यादा दूरी तय करना नहीं चाहतेःदिन हो या रात लोग ट्रेन के नीचे से ही गुजरते हैं. ऐसे में कई बार हादसा हो चुका है. इसके बावजूद भी लोग मानने को तैयार नहीं है और न ही रेलवे प्रशासन को कोई चिंता है. ट्रेन के नीचे पार करते लोगों ने कहा कि जो विकल्प है उसी रास्ते का हम लोग प्रयोग कर रहे हैं. एक दो रास्ता है जो काफी दूर है. इसलिए इस रास्ते का प्रयोग कर आर ब्लॉक पहुंचते हैं.

"कई बार इसको लेकर आवाज उठाया गया है. यहां पर फुटओवर ब्रिज बना दिया जाए जिससे कि लोग आसानी से रेलवे ट्रैक को पार कर सके. अन्यथा यहां पर हमेशा हादसा होते रहता है. लेकिन नतीजा अब तक नहीं निकला है. ट्रेन के नीचे से गुजरना मजबूरी है. क्योंकि दूसरा रास्ता चुनेंगे तो उसमें काफी वक्त लगेगा."-छोटू कुमार, स्थानीय

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