पटना: एनडीआरएफ की नौवीं बटालियन ने छठ पूजा के दौरान बच्चों को डूबने से बचाया. एनडीआरएफ की नौवीं बटालियन के अधिकारी विजय सिन्हा ने बताया कि हमारे बचावकर्मी किसी भी परिस्थिति में त्वरित कार्यवाई करने के लिए प्रशिक्षित हैं. उन्होंने बिना समय गंवाए बिना किसी खास सुरक्षा का इंतजाम किए डैम में छलांग लगा कर अपने जान की परवाह किए बगैर बच्चे को गहरे पानी से ढूंढ निकाला. उनके द्वारा की गई सीपीआर की कार्यवाई बच्चे की सांसों को पुनर्जीवित करने में मददगार साबित हुई.
पटना: NDRF ने छठ के दौरान बच्चों को डूबने से बचाया, CPR तकनीक का लिया गया सहारा
घाट पर बाहर आते ही बचावकर्मियों ने बच्चे को प्राथमिक उपचार दिया. उसके पेट से पानी निकाला गया. हृदय और फेंफड़ों को पुनर्जीवित करने की तकनीक (सीपीआर) का सहारा लेते हुए बच्चे की सांसों को दुबारा वापस लाया गया और हृदय गति को पुनर्स्थापित किया गया.
क्या है पूरा मामला
बताया जाता है कि शनिवार की सुबह करीब साढ़े दस बजे 9 वीं बटालियन एनडीआरएफ के बचावकर्मी जब महापर्व छठ की ड्यूटी के पश्चात घाटों से लौट रहे थे. इसी दौरान रांची के कांके डैम से कुछ बच्चों के चिल्लाने की आवाज़ आ रही है. इसके बाद निरीक्षक मोहमद कलामुद्दिन की टीम ने बिना समय गंवाए तुरंत गाड़ी को पीछे मोड़ा और कुछ ही मिनटों में घटना स्थल पर पहुंच गए. वहां पहुंचते ही आरक्षक गोताखोर कार्तिक मांझी, आरक्षक बपन घोष और मुख्य आरक्षक नीरज कुमार डैम में कूद पड़े. कड़ी मशक्कत के बाद उन्होंने डूबते हुए बच्चे को खोज निकाला और तुरंत किनारे तक लेकर आए.
सीपीआर तकनीक का लिया गया सहारा
घाट पर बाहर आते ही बचावकर्मियों ने बच्चे को प्राथमिक उपचार दिया. उसके पेट से पानी निकाला गया. हृदय और फेंफड़ों को पुनर्जीवित करने की तकनीक (सीपीआर) का सहारा लेते हुए बच्चे की सांसों को दुबारा वापस लाया गया और हृदय गति को पुनर्स्थापित किया गया. इसके बाद बच्चे को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से उसके हालत को देखते हुए उसे अस्पताल में स्थनतरित कर दिया.