पटना:बिहार की राजनीति कब किस करवट लेगी, यह अंदाजा लगाना किसी चुनौती से कम नहीं. कभी नीतीश कुमार के लिए चुनावी रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर अब उनसे दो-दो हाथ के लिए तैयार (Prashant Kishor in Bihar politics) हैं. प्रशांत किशोर के निशाने पर लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार का शासन काल है. जब उन्होंने बिहार के पिछड़ेपन का सवाल उठाया तो एनडीए नेताओं ने कहा कि "हम उन्हें नोटिस नहीं लेते". यदि उन्हें विकास देखना है तो अपने पैतृक गांव जाकर देंखे.
यह भी पढ़ें:'राजनीति में आने से पहले पीके को अपनी आइडियोलॉजी बतानी पड़ेगी, सिद्धांत विहीन होकर वो आगे नहीं बढ़ पाएंगे'
प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में सक्रिय नहीं हुए है, बल्कि उनका अभी लैंडिंग हुआ है. उन्होंने अबतक ना तो लक्ष्य तय किया है और ना राजनीतिक दल के रूप में अपने आप को संगठित स्वरूप दिया है.यदि उन्हे विकास कार्य देखना है तो वह अपने पैतृक गांव में चले जाएं. फिर उनको समझ में आ जाएगा कि नीतिश कुमार के शासन में विकास के कौन-कौन से आयाम स्थापित हुए है. - नीरज कुमार सिंह, मुख्य प्रवक्ता, जदयू
पीके पर एनडीए के नेता आक्रामक: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर(Election Strategist Prashant Kishor) ने बिहार की राजनीति में सक्रिय होने के संकेत दिए हैं. वे फिलहाल जनता के बीच जा रहे है. लेकिन अपने बयानों के जरिए वह लगातार लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार पर हमले बोल रहे है. प्रशांत किशोर ने कहा कि 30 साल के दौरान बिहार में विकास नहीं हुआ है. इन आरोपों को लेकर एनडीए नेता आक्रमक हो गए और उन्होंने अपने पैतृक गांव जाने की सलाह दे दी. पूर्व मंत्री और जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि प्रशांत किशोर को अगर विकास देखना है तो वह अपने गांव का दौरा कर ले. गांव जाने के बाद में पता चल जाएगा कि नीतीश कुमार ने विकास के कौन-कौन से आयाम स्थापित किए है.
विकास देखने के लिए आंख चाहिए:इधर, बीजेपी नेता नवल किशोर ने कहा कि विकास देखने के लिए आंख चाहिए. प्रशांत किशोर को हम नोटिस नहीं लेते उनके बयान और आरोपों का कोई मतलब नहीं है जिसे आंख नहीं होगा वही बिहार के विकास को नहीं देख सकेगा. वे देश को कोई भीष्म पितामह या फ्रीडम फाइटर नहीं है. उन्होंने कहा कि अंधे से हिमालय के बारे में पूछेंगे तो वह नहीं बता पाएगा. उनके कहने से कोई फर्क नहीं पड़ता है. बता दें कि बिहार की राजनीति में अपने सक्रिय होने के एलान प्रशांत किशोर ने मीडिया के सामने किया था. जिसके बाद से राजनीतिक गलियारों में तमाम तरह की चर्चाएं चल रही है.