पटना:बिहार में 24 सीट पर एमएलसी चुनाव (Bihar MLC Elections) को लेकर हलचल पिछले कई दिनों से तेज है. एनडीए में सीटों का ऐलान हो गया है और उम्मीदवार भी तय हो गए हैं, लेकिन उम्मीदवारों की घोषणा अभी नहीं हुई है. यही हाल आरजेडी का भी है, उम्मीदवारों का चयन हो गया है और प्रचार में भी लगे हैं, लेकिन उम्मीदवारों की घोषणा नहीं हुई है. ऐसे दोनों तरफ से जीत के दावे होने लगे हैं.
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बिहार विधान परिषद चुनाव में अधिकांश सीटें बीजेपी और जेडीयू की हैं. दोनों ने अपने पूर्व एमएलसी को फिर से चुनाव मैदान में उतारने का फैसला लिया है. कुछ ही सीटों पर नए चेहरे देखने को मिलेंगे. आरजेडी भी अपने सीटिंग पूर्व एमएलसी को उतारा है, लेकिन अधिकांश सीटों पर नए चेहरे आरजेडी में देखने को मिलेंगे. दोनों तरफ से उम्मीदवारों का चयन हो गया है, लेकिन अभी तक उम्मीदवारों की घोषणा नहीं हुई है. जानकार इसका बड़ा कारण यह बताते हैं कि उम्मीदवारों की घोषणा के बाद बागी भी सामने आ सकते हैं. इसी से बचने के लिए उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की गई है. वैसे चुनाव आयोग ने भी अभी तिथि की घोषणा नहीं की है.
''विधान परिषद के 24 सीटों में वोटर आम लोग नहीं है. पंचायत चुनाव में नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधि वोटर होंगे और इसलिए इस बार धनबल का बड़ा खेल होने वाला है. उसकी तैयारी हो रही है, ऐसे में चुनाव कौन जीतेगा और कौन हारेगा, अभी कहना जल्दबाजी होगा. लेकिन, कांग्रेस के अलग चुनाव लड़ने का कोई फायदा एनडीए को मिलेगा इसकी संभावना कम है, क्योंकि कांग्रेस तो खुद अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है.''-अरुण पांडे, वरिष्ठ पत्रकार
''उम्मीदवारों का चयन हो गया है. एनडीए ने तो पहले ही सभी सीटों का ऐलान संयुक्त रूप से कर दिया है. अब उम्मीदवारों की घोषणा भी संयुक्त रूप से कर दी जाएगी. एनडीए उम्मीदवारों के पक्ष में माहौल है और जीत एनडीए उम्मीदवारों की ही होगी.''-उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जेडीयू
''सभी 24 सीट एनडीए के पाले में ही आएगी क्योंकि अधिकांश सीट बीजेपी-जदयू की है. आरजेडी का खाता तक नहीं खुलेगा. दावा तो आरजेडी हमेशा से करती रही है. जहां तक कांग्रेस की बात है तो उसका कोई असर चुनाव में नहीं पड़ने वाला है.''-विनोद शर्मा, प्रवक्ता, बीजेपी
''उम्मीदवार अपने क्षेत्र में जोर शोर से प्रचार भी कर रहे हैं. अब घोषणा केवल औपचारिकता ही रह गई है. वह भी 1 से 2 दिन में पूरी कर ली जाएगी, लेकिन जीत आरजेडी उम्मीदवार की ही होगी, क्योंकि नीतीश कुमार के चेहरे पर तो बीजेपी को भी विश्वास नहीं है, तो पंचायत प्रतिनिधियों को कैसे होगा.''-एजाज अहमद, प्रवक्ता, आरजेडी
विधान परिषद की 24 सीटों पर चुनाव को लेकर अब भारत निर्वाचन आयोग को ही फैसला लेना है. 24 विधान परिषद सीटों के लिए होने वाले चुनाव में पंचायती राज संस्थाओं के 1,32,000 मतदाता शामिल होंगे. चुनाव के लिए सभी प्रखंडों में 540 बूथों का गठन होगा. बड़े प्रखंड में 2 बूथ बनाए जा सकते हैं. चुनाव में पंचायत के मुखिया, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति के सदस्य, जिला परिषद सदस्य भी वोटर होंगे. वहीं, शहरी निकाय से नगर पंचायत, नगर परिषद और नगर निगम के निर्वाचित सदस्यों के अलावा कंटोनमेंट बोर्ड के सदस्य भी स्थानीय निर्वाचन क्षेत्र प्राधिकार के माध्यम से निर्वाचित होने वाले सदस्यों को चुनेंगे.
विधान परिषद की 24 सीट जहां चुनाव होना है उनमें पटना, भोजपुर, गया-जहानाबाद-अरवल, नालंदा, रोहतास-कैमूर, नवादा, औरंगाबाद, सारण, सिवान, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली, समस्तीपुर, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी-शिवहर, पूर्णिया-अररिया-किशनगंज, भागलपुर-बांका, मुंगेर-जमुई-लखीसराय, कटिहार, सहरसा-मधेपुरा-सुपौल, मधुबनी, गोपालगंज, बेगूसराय-खगड़िया शामिल हैं.
बिहार विधान परिषद की 24 सीट 16 जुलाई 2021 से ही खाली हैं. ऐसे तो चार विधान परिषद की सीट पहले से ही खाली थी. तीन विधानसभा चुनाव में विधायक बनने के कारण खाली हुआ था और 16 जुलाई को 20 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो गया. मनोज कुमार, रीतलाल यादव और दिलीप राय विधानसभा चुनाव में जीते थे और इसके कारण ये सीट खाली हुई हैं. वहीं, 2 सदस्य हरिनारायण चौधरी और सुनील कुमार सिंह का निधन हो चुका है.
शेष 19 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हुआ उसमें मनोरमा देवी, रीना यादव, राधाचरण साह संतोष कुमार सिंह, सलमान रागिब, राजन कुमार सिंह, सच्चिदानंद राय, टुन्न जी पांडे, बबलू गुप्ता, दिनेश प्रसाद सिंह, सुबोध कुमार, राजेश राम, दिलीप जायसवाल, संजय प्रसाद, अशोक अग्रवाल, नूतन सिंह, सुमन कुमार, आदित्य नारायण पांडे और रजनीश कुमार शामिल हैं.
बिहार विधानसभा उपचुनाव में एनडीए ने पूरी एकजुटता के साथ दोनों सीट पर प्रचार किया था और इस कारण जेडीयू के उम्मीदवार आरजेडी के उम्मीदवार को मात देने में सफल रहे. ऐसे मुकेश सहनी को छोड़ दें तो एनडीए इस बार भी एकजुटता दिखा रहा है, लेकिन इस बार चुनौती कम नहीं है, क्योंकि सारा खेला त्रिस्तरीय पंचायत से चुने हुए प्रतिनिधि ही खेलेंगे. विधान परिषद के 24 सीटों से विधान परिषद का समीकरण भी बदलेगा, इसलिए एनडीए और आरजेडी के लिए भी यह चुनाव महत्वपूर्ण है.
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