पटना: शारदीय नवरात्रअब समाप्ति की ओर है, सोमवार को महा नवमी है जिसको लेकर मां दुर्गा के 9 वें स्वरूप की जगह-जगह पूजा की जा रही है. राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी के अस्पताल रोड स्थित मालिकाना मां काली मंदिर में भी नवरात्र के नवमी के दिन मां शक्ति के 9 वें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जा रही है, ऐसे में सामूहिक हवन की पौराणिक मान्यताएं हैं. कहा जाता है कि आज के दिन सामूहिक हवन करने से स्वार्थ सिद्धि योग बनता है.
Navratri 2023: मसौढ़ी में नवरात्र की नवमी को लेकर सामूहिक हवन, सैकड़ों की संख्या में भक्त शामिल
पटना से सटे मसौढ़ी मालिकाना मां काली मंदिर (Havan on Navami of Navratri in Masaurhi) में नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जा रही है. इसको लेकर श्रद्धालुओं ने सामूहिक हवन किया और घर में सुख समृद्धि की कामना की.
Published : Oct 23, 2023, 2:22 PM IST
मां सिद्धिदात्री की पूजा का लाभ: मान्यता है कि नवमी के दिन हवन पूजन करने से दुश्मनों का नाश होता है. माता सिद्धिदात्री कमल पर विराजमान हैं और मां की चार भुजाएं हैं. इसमें उन्होंने शंख, गदा, कमल, और चक्र लिया हुआ है. पुराणों के अनुसार, कहा जाता है कि भगवान शिव ने कठिन तपस्या करके मां सिद्धिदात्री से ही 8 सिद्धियां प्राप्त की थीं. मां सिद्धिदात्री की कृपा से ही महादेव का आधा शरीर देवी का हो गया था और तब को अपने इस स्वरूप में अर्धनारीश्वर कहलाए थे. मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से व्यक्ति की समस्त मनोकामनाएं पूरी होती है.
विजयदशमी के दिन मां की विदाई:नवमी के अगले दिन दशमी तिथि को विजयदशमी का पर्व मनाया जाता है. विजयदशमी के दिन माता रानी की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है. माना जाता है इस दिन देवी अपने लोक वापिस चली जाती हैं. भक्त भी खूब धूम-धाम से अगले साल फिर आने की कामना के साथ माता को जयकारा लगाते हुए विदा करते हैं.
"नवरात्रि की नवमी को महासंयोग है, भक्त मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना करते हुए सामूहिक हवन कर पूर्णाहुति कर रहे हैं. माता सबका बेड़ा पार करती हैं."- पुजारी