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हस्तकरघा को उन्नत करने के लिए उद्योग विभाग समेकित योजना लाएगी: सीएम नीतीश - National Handloom Day celebrated in Patna

मुख्यमंत्री सचिवालय में राष्ट्रीय हस्तकरघा दिवस मनाया गया. जिसमें बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि हस्तकरघा को उन्नत करने के लिए उद्योग विभाग समेकित योजना लायेगी. नई टेक्नोलॉजी का भी प्रयोग किया जाएगा. सीएम ने हस्तकरघा एवं रेशम निदेशालय के वेबसाइट और पुस्तक का भी लोकार्पण किया. इसके बाद 5 बुनकरों को सांकेतिक रुप से चेक भी प्रदान किए गए. पढ़ें पूरी खबर...

पटना में राष्ट्रीय हस्तकरघा दिवस मनाया गया
पटना में राष्ट्रीय हस्तकरघा दिवस मनाया गया

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Published : Aug 7, 2022, 10:26 PM IST

पटना:सीएम नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद' में राष्ट्रीय हस्तकरघा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि देश में 7 अगस्त 1905 को स्वदेशी अभियान की शुरूआत की गयी थी, ताकि देश के लोग अपने देश में बने सामानों का ही उपयोग कर सकें और स्वदेशी सामानों को बढ़ावा दिया जा सके. वर्ष 2015 में भारत सरकार ने 7 अगस्त को राष्ट्रीय हस्तकरघा दिवस (National Handloom Day 2022) मनाने का निर्णय लिया. बिहार में 7 अगस्त 2018 को पहली बार हस्तकरघा दिवस का आयोजन किया गया.

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'राज्य में हस्तकरघा उद्योग को मिले बढ़ावा':सीएम ने आगे कहा किकोरोना के कारण पिछले कुछ वर्षों में इसका आयोजन नहीं हो सका. आज एक बार फिर से इसका आयोजन किया गया है. इसको लेकर मुझे काफी खुशी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की सदैव मंशा रही है कि हस्तकरघा उद्योग को बढ़ावा दिया जाये, ताकि बुनकरों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो. राज्य सरकार ने इसके लिए अनेक कदम उठाये हैं. बिहार के अस्पतालों में बुनकरों द्वारा तैयार की गयी सतरंगी चादर का इस्तेमाल किया जा रहा है.

7 लाख से अधिक चादर अस्पताल में इस्तेमाल:उन्होंने कहा कि अस्पताल में सातों दिन अलग-अलग रंग के चादरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. मुझे जानकारी दी गयी है कि अब तक 7 लाख से अधिक सतरंगी चादरें बनायी गयी हैं. विभिन्न जगहों पर जाकर मुझे बुनकरों से मिलने का मौका मिला है. इसी दौरान पता चला कि ये लोग हस्तकरघा पर चादर का उत्पादन नहीं करते हैं, क्योंकि उनके लूम का फ्रेम साइज छोटा है. जबकि चादर बनाने के लिए बड़े और चौड़े फ्रेम की जरूरत है. इसी को ध्यान में रखते हुए बुनकरों को 68 इंच के बड़े फ्रेमलूम को खरीदने के लिये राज्य सरकार द्वारा 90 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है. अभी तक 381 बुनकरों ने इसका लाभ लिया है.

बुनकरों को बढ़ावा के लिए आर्थिक मदद:मुख्यमंत्री ने कहा कि बुनकरों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं रही है. जिसके कारण उन्हें कच्चा माल खरीदने में परेशानी होती है. इसको देखते हुए बुनकरों को 10 हजार रूपये की दर से कार्यशील पूंजी उपलब्ध करायी जा रही है. वर्ष 2018-19 से अब तक 6,823 बुनकरों ने इसका लाभ लिया है. इस वर्ष से सभी इच्छुक बुनकरों को कार्यशील पूंजी उपलब्ध करा दी जायेगी. उन्होंने कहा कि वर्ष 2009 में विकास यात्रा के दौरान और वर्ष 2012 में भागलपुर के नाथनगर में मैंने बुनकरों से बातचीत की, उनकी स्थिति को जाना. उस दौरान बुनकरों ने बताया कि बिजली का बिल अधिक रहने के कारण उसे हमलोग देने की स्थिति में नहीं रहते हैं.

मुझे बताया गया कि यह समस्या21 हजार पावरलूम बुनकरों के साथ है. वर्ष 2006 से हमलोगों ने उनके द्वारा खपत की गई बिजली पर 150 रुपये की दर से विद्युत अनुदान दिया और फरवरी 2014 से इसे बढ़ाकर 3 रुपये प्रति यूनिट कर दिया है. उन्होंने कहा कि मलबरी सिल्क के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये भी राज्य सरकार द्वारा सहायता दी गई.

टेक्सटाइल एवं लेदर पॉलिसी से होगा फायदा:मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हस्तकरघा एवं टेक्स्टाइल क्षेत्र के विकास के लिए बिहार के टेक्सटाइल एवं लेदर पॉलिसी 2022 लायी गयी. इससे वस्त्र एवं चमड़ा प्रक्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार भी बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि हमलोग चाहते हैं कि सरकारी गेस्ट हाउस एवं सरकारी कार्यालयों में बुनकरों द्वारा निर्मित हैंडलूम और खादी से बने चादर परदा, तकिया के खोल का क्रय किया जाए. डॉक्टर और मरीजों के लिये पोशाक क्रय करने का भी निर्णय लिया गया है.

उन्होंने कहा कि हस्तकरघाओं को उन्नत करने के लिए उद्योग विभाग अलग से समेकित योजना लाएगी. नये डिजाइन के कपड़े तैयार करने के लिए लूम में नई फीटिंग आदि की व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए सभी को ट्रेनिंग भी दी जायेगी. उन्होंने कहा कि विद्युतकरघा के उन्नयन के लिये नई योजना लायी जायेगी. नई टेक्नोलॉजी के उपयोग से बिजली की कम खपत होगी और उत्पादन भी अधिक होगा.

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