पटना: बिहार के पूर्व कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने बिहार सरकार और विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार सरकार के लोगों को कुर्सी की चिंता सता रही है. वहीं, बिहार के सभी विपक्षी दलों को अपने-अपने चेहरे की राजनीति करने से ही फुर्सत नहीं है. यही कारण है कि बिहार की गरीब जनता को देखने के लिए किसी के पास समय नहीं है.
सरकार को कुर्सी और विपक्ष को चेहरे की राजनीति से फुर्सत नहीं, कौन देखे बिहार- नरेन्द्र सिंह
सरकार पर आरोप लगाते हुए नरेन्द्र सिंह ने कहा कि 2017-22 के लिए बना कृषि रोड मैप सियासत और चेहरे चमकाने की राजनीति की भेंट चढ़ गया. बिहार और केन्द्र सरकार अगर गरीब मजदूरों की मदद करना चाहती है, तो उन्हें मनरेगा के तहत खेतों में काम देना चाहिए.
खास बातचीत में नरेन्द्र सिंह ने कहा कि बिहार को हर स्तर पर मजबूत करके प्रदेश को रोजगार मामले में सक्षम बनाने के लिए कृषि रोड मैप का निर्माण किया गया था. मैंने कृषि मंत्री रहते हुए वर्ष 2008-13 और 2013-17 तक का कृषि रोड मैप तैयार किया था. साथ ही उस पर काम भी किया गया. वहीं, सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि 2017-22 के लिए बना कृषि रोड मैप सियासत और चेहरे चमकाने की राजनीति की भेंट चढ़ गया. बिहार और केन्द्र सरकार अगर गरीब मजदूरों की मदद करना चाहती है, तो उन्हें मनरेगा के तहत खेतों में काम देना चाहिए.
'विपक्ष के पास कुछ नहीं बचा'
नरेन्द्र सिंह ने मौके पर कहा कि खेती से जुड़ी अधूरी योजनाओं को जल्द पूरा किया जाय. बिहार के विपक्ष की सियासत पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि अभी बिहार कोरोना के भारी चपेट में है. ऐसे में यहां राजनीति नहीं, बल्कि काम करने की जरूरत है. वीडियो कान्फ्रेंसिंग और बिहार में हो रही राजनीति पर उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास इससे ज्यादा करने के लिए कुछ नहीं बचा है. चुनाव में अभी समय है. इस संकटकाल समय में राजनीति छोड़कर गरीब जनता को कोरोना से बचाने के लिए काम करना चाहिए.