पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए खुद बिहार के दौरे पर आ रहे हैं. इसी महीने पीएम मोदीबिहार का दौराकरने वाले हैं. इस दौरान वे बिहार की कई मेगा प्रोजेक्ट का शिलान्यास करेंगे. इसमें बिहार के पहले एक्सप्रेसवे, गंगा नदी पर गांधी सेतु के समानांतर बनने वाले फोरलेन पुल और लंबे समय से जिस पर सियासत होती रही है दरभंगा एम्स का शिलान्यास भी शामिल है.
पीएम मोदी का बिहार दौरा: इसके अलावा भी रेल की और कई योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन प्रधानमंत्री करेंगे. प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मौजूद रहने की भी चर्चा हो रही है और इसके कारण सियासी हलचल बढ़ सकती है. फिलहाल जदयू के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शामिल होने को लेकर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.
"प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौजूद रहेंगे या नहीं ये हम नहीं बता सकते हैं. मुख्यमंत्री जी की अपनी व्यस्तता होती है. पहले से कोई प्रोग्राम होगा. पहले भी तो पीएम के कार्यक्रम में सीएम शामिल हो चुके हैं. लेकिन उनकी व्यस्तता के कारण हम नहीं बता सकते कि इस बार वे शामिल होंगे या नहीं."- संजय गांधी, जदयू एमएलसी
तारीख नहीं हुई फाइनल: दिसंबर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बिहार दौरा हुआ था. पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में नीतीश कुमार भी शामिल हुए थे. अब जनवरी में नए साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार दौरे पर आने वाले हैं. पहले तो 13 जनवरी को आने की चर्चा हो रही थी लेकिन अभी तक तिथि फाइनल नहीं हुई है.
पीएम के कार्यक्रम में नीतीश की मौजूदगी को लेकर सवाल:खरमास के बाद कभी भी प्रधानमंत्री का दौरे के कार्यक्रम बन सकता है. उस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मौजूद रहने की भी चर्चा हो रही है. प्रधानमंत्री ऐसे तो 2024 लोकसभा चुनाव के अभियान की बिहार में शुरुआत करेंगे, लेकिन बिहार के कई मेगा प्रोजेक्ट का शिलान्यास और उद्घाटन भी करेंगे.
मेगा प्रोजेक्ट जिसका पीएम शिलान्यास करेंगे:पीएम मोदी बिहार के पहले एक्सप्रेस वे दरभंगा आमस का शिलान्यास करेंगे, इसपर 5000 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होगी. वहीं गांधी सेतु के समानांतर गंगा में चार लाइन पुल पर 3000 करोड़ की राशि खर्च होने वाली है. दरभंगा एम्स पर 1500 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होने वाली है. इसके साथ रेल और नेशनल हाईवे की हजारों करोड़ की योजना का शिलान्यास और उद्घाटन भी होगा.
पॉलिटिकल एक्सपर्ट की राय: राजनीतिक विशेषज्ञ भी कहते हैं कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होना प्रोटोकॉल है. ऐसे कई राज्यों में अब मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से दूरी भी बनाते हैं. लेकिन नीतीश कुमार शामिल होते हैं तो स्वाभाविक है उस पर कई तरह की चर्चा शुरू होगी. लेकिन नीतीश कुमार प्रोटोकॉल का हमेशा पालन करते रहे हैं.
"मुख्यमंत्री का प्रोटोकॉल के तहत प्रधानमंत्री को रिसीव करने जाना यह एक परिपाटी चली आ रही है. लेकिन मोदी के काल में कई राज्यों के मुख्यमंत्री उनको रिसीव करने नहीं गए. नीतीश कुमार नहीं जाएंगे ऐसा होना नहीं चाहिए क्योंकि नीतीश प्रोटोकॉल को इग्नोर नहीं करते हैं."-प्रो अजय झा, राजनीतिक विशेषज्ञ