पटना:6 साल से चल रही बिहार सरकार (Bihar Government) की सबसे महत्वकांक्षी योजना 'हर घर नल का जल' (Nal Jal Scheme) का काम कछुए की गति से आगे बढ़ रही है. राजधानी पटना में सभी 75 वार्ड में इस कार्य को लेकर निगम प्रशासन कार्य में लगा हुआ है. लेकिन अभी तक मात्र 30 से 40% ही काम हो पाया है.
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योजना की धीमी रफ्तार के कारण राजधानीवासी पानी के एक एक बूंद के लिए अभी भी तरस रहे हैं. निगम प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यों पर पूर्व डिप्टी मेयर विनय कुमार पप्पू ने सवाल खड़ा किया है. तो वहीं नगर आयुक्त की मानें तो यह परियोजना लंबा है कार्य करने में सभी कर्मी लगे हुए हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) शुद्ध पेयजल हर घर तक पहुंचा सके इसके लिए उन्होंने 2015 में सात निश्चय योजना के तहत 'हर घर नल का जल' योजना (Nal Jal Scheme Of Bihar) की शुरुआत की थी. इस योजना को शुरू हुए लगभग 6 साल होने को है. लेकिन अभी भी इस योजना का काम आधा अधूरा है. राजधानी पटना में ही यह योजना दम तोड़ती हुई नजर आ रही है.
हर घर नल का जल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वकांक्षी परियोजना है. पंचायतों में मुखिया पर इस योजना को मूर्त रूप देने की जिम्मेदारी है. वहीं शहरी इलाकों में नगर निकाय, नगर निगम के मध्यम से जनप्रतिनिधियों के माध्यम से कार्य को धरातल पर उतारने का लक्ष्य रखा गया है. लेकिन राजधानी पटना में नगर निगम क्षेत्र में यह योजना अभी तक पूरी तरह से सफल होती नजर नहीं आ रही है.
पटना नगर निगम के सभी 75 वार्डों में 'नल का जल योजना' का कार्य हो रहा है. कुल 75 वार्डों में लगभग 875 किलोमीटर पाइप बिछाने हैं. ताकि लोगों को इस योजना के तहत शुद्ध पेयजल मुहैया हो सके, लेकिन इस योजना को लेकर नगर विकास विभाग और नगर निगम के बीच आपसी समन्वय नहीं होने के कारण अभी तक यह योजना 6 साल में मात्र 40% पूरा हो सका है.
नगर निगम की मानें तो सरकार की तरफ से नगर निगम को पांचवें वित्त आयोग के तहत हर साल 187 करोड़ रुपए विकास कार्य योजना के लिए मिलते हैं. उसमें से 30% राशि नल जल योजना में खर्च करने होते हैं. लेकिन सरकार की तरफ से जो राशि हर साल उपलब्ध होती है. वह राशि संपूर्ण नहीं मिल पाती है जिसकी वजह से योजना की रफ्तार धीमी है.
मेरे घर में नल तो लगा है. 2 साल से नल लगा है लेकिन पानी नहीं आता. कोई देखने नहीं आता. टंकी का पानी दूर से लेकर आते हैं.- रजिया खातून, पटनावासी