नई दिल्ली/बिहार:मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड मामले में दोषी ठहराए गए रामानुज ठाकुर की तिहाड़ जेल में मौत हो गई. बीते 3 दिसंबर को जेल संख्या तीन में उसकी मौत हुई है. जेल प्रशासन का कहना है कि उसकी उम्र 70 वर्ष थी और उसकी मौत प्राकृतिक है. पोस्टमार्टम के बाद उसका शव परिजनों को सौंप दिया गया है.
तीन दिसंबर को हुई मौत
जानकारी के अनुसार बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम दुष्कर्म कांड में अदालत ने 21 लोगों को दोषी ठहराया था. इनमें मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर था. उसके साथ ही उसका मामा रामानुज ठाकुर भी गिरफ्तार हुआ था. इस मामले में उसे दोषी ठहराया जा चुका था और वह तिहाड़ जेल की संख्या तीन में बंद था. बीते 3 दिसंबर को अचानक उसकी मौत हो गई.
सीबीआई ने किया था गिरफ्तार
जेल प्रशासन का कहना है कि 70 वर्षीय रामानुज ठाकुर की सामान्य रूप से मौत हुई है. उसकी मौत में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं पाई गई है. रामानुज ठाकुर पर शेल्टर होम की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने समेत कई गंभीर आरोप लगे थे. इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने रामानुज को गिरफ्तार किया था. 23 फरवरी 2019 को उसे तिहाड़ जेल में लाया गया था.
उम्र कैद की सजा
साकेत कोर्ट ने 11 फरवरी 2020 को उसको उम्र कैद की सजा सुनाने के साथ उस पर 60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था. समस्तीपुर का रहने वाला रामानुज ठाकुर मुजफ्फरपुर में रहकर बालिका गृह और एनजीओ के कामकाज की देखरेख करता था. इसी दौरान उसने जघन्य अपराध को अंजाम दिया था.