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Chhath Puja 2022: गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल बनीं मुस्लिम महिलाएं, मिट्टी के चूल्हे कर रहीं तैयार

लोक आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत 28 अक्टूबर और इसका समापन 31 अक्टूबर को होगा. छठ में मिट्टी के चूल्हे का विशेष महत्व होता है. महापर्व छठ में आपसी सद्भाव और सौहार्द भी देखने को मिलता है. मुस्लिम समुदाय की महिलाएं मिट्टी के चूल्हे बनाने के काम में लगी हैं. जिसपर आस्था का प्रसाद बनाया जाएगा. पढ़ें.

Muslim women are making clay stoves in Patna
Muslim women are making clay stoves in Patna

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Published : Oct 11, 2022, 1:23 PM IST

पटना: बाजार मेंमिट्टी का चूल्हा बनते देख कर ही लोक आस्था के महापर्व छठ की चहल-पहल शुरू हो जाती है. लोक आस्था के महापर्व छठ में मिट्टी के चूल्हे का विशेष महत्व है और ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा में छठ महापर्व का प्रसाद मिट्टी के नए चूल्हे पर ही तैयार किया जाता है. छठ पूजा में अभी 20 दिन शेष हैं लेकिन इसके पहले ही पटना की सड़कों पर छठ महापर्व को लेकर के मिट्टी का चूल्हा बनना शुरू हो गया है.

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मिट्टी के चूल्हे बनाने में लगीं मुस्लिम महिलाएं:पटना के वीरचंद पटेल पथ पर लगभग 40 से 50 की संख्या में मुस्लिम महिलाएं (Muslim women are making clay stoves in Patna) हिंदुओं के महापर्व छठ के लिए मिट्टी का चूल्हा बनाती हैं. छठ नजदीक आने के साथ ही महिलाएं अब चूल्हा तैयार करने के काम में लग गई हैं. पटना में हर साल शहरी क्षेत्र की बात करें तो 60 हजार से 70 हजार के करीब मिट्टी के चूल्हे बिकते हैं. इस बार मिट्टी का चूल्हा लगभग ₹60 से ₹80 के बीच बिकने का अनुमान है. ऐसे में मिट्टी के चूल्हे का कारोबार 40 लाख से अधिक रहने वाला है. मिट्टी का चूल्हा निर्माण करने वाली महिलाओं को इस बार चूल्हे के बाजार से काफी उम्मीदें भी हैं.

गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल: वीरचंद पटेल पथ के 500 मीटर से अधिक दूरी तक सड़क किनारे फुटपाथ पर हजारों मिट्टी के चूल्हे बन करके तैयार हो गए हैं. महिलाएं प्रतिदिन 20 से 30 की संख्या में नए मिट्टी के चूल्हे को तैयार कर रही हैं. एक ओर यह मुस्लिम महिलाएं छठ महापर्व के लिए मिट्टी का चूल्हा तैयार कर गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल कायम करती हैं. वहीं दूसरी तरफ चूल्हा बेचकर अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करती हैं.

इस बार पटना में मिट्टी का चूल्हा तैयार कर रही महिलाओं का कहना है कि मिट्टी की कीमत इस बार काफी बढ़ गयी है. पिछली बार ₹1500 में दो ट्रॉली मिट्टी खरीदा था. वहीं इस बार ₹2400 लग गया है. वीरचंद पटेल पथ पर मिट्टी का चूल्हा तैयार कर रही महिला मुस्तकीमा खातून ने बताया कि इस बार मिट्टी का कीमत बढ़ गयी है. ऐसे में इस बार मिट्टी के चूल्हे का भाव अधिक रहेगा.

"दीपावली तक सभी महिलाएं अपने पास 500 से 800 की संख्या में मिट्टी के चूल्हे तैयार करके रख लेती हैं. नहाए खाए से इसकी बिक्री शुरू हो जाती है. इस बार ₹80 से ₹90 के बीच मिट्टी के चूल्हे का भाव रहेगा और इस भाव में यदि नहीं बिकेगा तो ₹60 से ₹70 के भाव पर मिट्टी के चूल्हे की कीमत आ जाएगी. पिछली बार ₹50 के भाव पर मिट्टी का चूल्हा बिका था लेकिन महंगाई बढ़ गई है. मिट्टी भी महंगा हो गया है."-मुस्तकीमा खातून, चूल्हा निर्माण करने वाली कारीगर

"चार-पांच दिन पहले से मिट्टी का चूल्हा तैयार करना शुरू कर दिया है. अब तक लगभग ढाई सौ चूल्हे तैयार कर लिए गए हैं. दो लोग मिलकर मिट्टी का चूल्हा तैयार करते हैं. इस बार पिछली बार की तुलना में मिट्टी के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ी है. ऐसे में इस बार मिट्टी के चूल्हे का भाव अधिक रहेगा. पिछली बार मिट्टी का चूल्हा ₹50 के भाव पर बिका था लेकिन इस बार ₹60 से ₹80 के कीमत पर मिट्टी का चूल्हा बिकने का उम्मीद है."-आसमां खातून, चूल्हा निर्माण करने वाली कारीगर

कब है छठ पूजा?:दिवाली के 6 दिन बाद छठ पूजा का महापर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस पर्व की तैयारी कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती है. इस बार छठ पूजा 28 अक्टूबर 2022 से शुरू हो रही है. 30 अक्टूबर को संध्या अर्घ्य दिया जाएगा. 30 अक्टूबर रविवार का दिन है. कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा मनाते हैं. यह पर्व पूरे चार दिनों तक बेहद धूमधाम से लोग मनाते हैं. पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है. उसके बाद खरना होता है और फिर तीसरे दिन शाम को सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और फिर आखिरी दिन सुबह को लोग सूर्य को अर्घ्य देकर इस पर्व का समापन करते हैं.


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