पटना:बिहार-यूपी में हिंदू समाज द्वारा बड़े उत्साह से छठ महापर्व मनाया जाता है. लेकिन कुछ मुस्लिम परिवार भी हैं जो पूरी श्रद्धा और उत्साह से छठ पूजा (Chhath Puja) करते हैं. पटना की छज्जू बाबू क्षेत्र में रहने वाली महिला नजमा खातून बताती हैं कि वह बीते 9 वर्षों से छठ महापर्व (Muslim Woman Is Doing Chhath Fast In Patna) करती आ रही हैं. नहाए खाए से छठ पूजा की शुरुआत होती है और उस दिन वो गंगा नदी में जाकर स्नान करती हैं. इसके बाद खरना करती हैं और फिर गंगा घाट पर जाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देती हैं.
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संतान प्राप्ति के लिए शुरू की थी छठ :नजमा ने बताया किउसे संतान का सुख नहीं मिल पा रहा था. बच्चे तो हुए, लेकिन जीवित नहीं रह पाये. जिसके बाद उसने कई पीर के पास जाकर मत्था टेका. कई दरगाह में जाकर मत्था टेका. लेकिन कहीं कोई लाभ नहीं हुआ. फिर उन्हें किसी ने सुझाव दिया कि छठ पूजा करें तो पुत्र प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण होगी. इसके बाद उन्होंने छठ पूजा की. उसके बाद पुत्र की प्राप्ति हुई. अब पांच पुत्र-पुत्री हो चुके हैं. सभी स्वस्थ हैं. पुत्र की प्राप्ति के बाद से वह लगातार छठ पूजा करती आ रही हैं. हर बार वह छठ पूजा में जो मन्नत मांगती हैं, वह पूरा होता है. इससे उनकी श्रद्धा और बढ़ जाती है.
'छठ पूजा की शुरुआत की तो समाज के लोगों ने उनका बहिष्कार किया. लेकिन अब इस बात का कोई अधिक फर्क नहीं पड़ता है. क्योंकि खुद से मेहनत करना है, कमाना खाना है. अपनी आस्था के लिए छठ पूजा करती हूं. जिस पुत्र की प्राप्ति के लिए छठ पूजा की शुरुआत की थी, वह अभी घर से दूर है. इस बार छठ में घर पर नहीं है. छठी मैया से मांगती हूं कि अगली बार छठ पूजा में वह मेरे साथ रहे. छठ पूजा के खरना के दिन पूरे साफ-सफाई से आम की लकड़ी के जलावन से प्रसाद बनाती हूं और प्रसाद बनाने में बेटियां मदद करती हैं. प्रसाद में ठेकुआ, खजूर बनाती हूं और अर्घ्य के दिन गाड़ी रिजर्व करके पूरे परिवार के साथ गंगा किनारे छठ घाट पर जाती हूं. पूरे विधि-विधान से छठ पूजा करती हूं. जब तक जीवित रहूंगी, छठ पूजा करती रहूंगी.'- नजमा खातून, छठ व्रती