बिहार

bihar

ETV Bharat / state

दिल्ली के पप्पन ने पेश की मिसाल, बिहार के प्रवासी मजदूरों को हवाई जहाज से भेजा घर

देश में मजदूरों की दुर्गति जगजाहिर है. फैक्ट्रियों और बड़े-बड़े कारोबारियों के पास काम करने वाले मजदूर दर-दर की ठोकरें खाते हुए अपने घरों तक जा रहे हैं. ऐसे में दिल्ली के एक किसान ने मिसाल पेश की है. उसने अपने पास काम करने वाले मजदूरों को हवाई जहाज से घर भेजने की व्यवस्था की.

दिल्ली की खबर
दिल्ली की खबर

By

Published : May 28, 2020, 9:08 AM IST

नई दिल्ली:देश का ज्यादातर किसान भूखे मरने को मजबूर हैं. इसी बीच दिल्ली का एक किसान जो बाहरी दिल्ली के तिगीपुर गांव में मशरूम की खेती करता है. वो अपने पैसे से लॉकडाउन में फंसे दस मजदूरों को हवाई जहाज से उनके गांव भेज रहा है. मजदूरों को दिल्ली से बिहार भेजने की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है. हवाई यात्रा करने को लेकर मजदूर भी काफी उत्सुक है ताकि अपनों के बीच गांव में जल्द से जल्द पहुंच जाए.

मजदूरों की मदद के लिए उठाया कदम
ईटीवी भारत की टीम ने बख्तावर पुर इलाके के तिगीपुर के किसान पप्पन सिंह गहलोत और उनके मजदूरों से बात की. किसान ने बताया कि वो मशरूम की खेती करते हैं. उनके पास 48 मजदूर काम करते थे. लॉकडाउन के पहले हफ्ते में ज्यादातर मजदूर अपना काम खत्म कर बिहार चले गए. बाकी बचे दस मजदूरों को अब वो हवाई यात्रा से गांव भेजा रहा है, जिससे मजदूर भी काफी खुश है.

बेहद खुश हैं पप्पन और उनके मजदूर

27 सालों से करते हैं काम
पप्पन सिंह गहलोत दिल्ली देहात में मशरूम की खेती करते हैं. इनके पास जमीन भी थोड़ी है, लेकिन मशरूम की खेती के लिए ज्यादा मजदूरों की जरूरत पड़ती है. मशरूम की खेती के लिए पप्पन के पास पिछले करीब 27 सालों से बिहार के कुछ मजदूर काम करने के लिए आते हैं और सीजन की खत्म होने के बाद वापस चले जाते हैं. इस बार भी 48 मजदूर बिहार से खेती (मजदूरी) करने के लिए दिल्ली आए हुए थे. जिनमें से ज्यादातर मजदूर लॉकडाउन के पहले हफ्ते में अपने-अपने घर चले गए, लेकिन 10 मजदूर लॉकडाउन में फंस गए. अब मशरूम की खेती का सीजन भी खत्म हो गया है. इसलिए इन लोगों को वापस अपने घर जाना था, तो किसान ने इनके लिए हवाई यात्रा का बंदोबस्त किया. अब ये मजदूर दिल्ली से पैदल, भीड़भाड़ वाली बसों और रेल में ना जाकर हवाई जहाज से अपने-अपने घर जाएंगे.

दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे मजदूर

अपने खर्चे से भेज रहे हैं हवाई जहाज से घर
किसान पप्पन सिंह गहलोत ने बताया कि ये दो पीढ़ियों से हमारे पास काम कर रहे हैं. वो इन लोगों को घर से एयरपोर्ट तक खुद अपनी कार में छोड़ने जाएंगे और सभी के फ्लाइट के टिकट भी पप्पन सिंह गहलोत ने अपने खर्चे से बुक कराए हैं. इस दौरान उनके 68 हजार रुपये भी खर्च हुए. साथ ही बख्तावरपुर वार्ड के निगम पार्षद ने भी इन मजदूरों की स्क्रीनिंग और पूरा मेडिकल चेकअप कराया. अब इन मजदूरों को बिहार एयरपोर्ट से घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी खुद निगम पार्षद उठाएंगे. इसके लिए उन्होंने बिहार के स्थानीय नेताओं से भी बात की हुई है, जो बिहार एयरपोर्ट से मजदूरों को उनके घर तक पहुंचने में मदद करेंगे. जरूरत के लिए किसान में अपने मजदूरों को इनाम के तौर पर 5-5 हजार रुपये भी अलग से दे रहे हैं. यदि इन्हें अपने गांव जाकर पैसों की जरूरत होगी, तो वहां भी इनकी मदद करने के लिए दिल्ली का ये दरिया दिल किसान तैयार है.

घर वालों को भी नहीं हो रहा है विश्वास
सभी मजदूर एक ही परिवार के हैं और पिछले 27 सालों से दिल्ली में मजदूरी करने के लिए हर साल आते हैं. इन लोगों के साथ किसान परिवार का घर परिवार जैसा रिश्ता बन गया है. अब ये किसान इनके हर सुख-दुख में खड़ा रहने के लिए सदैव तैयार रहता है. जब मजदूरों ने अपने घर फोन कर परिजनों को बताया कि वो हवाई जहाज से घर आएंगे तो उन्हें भी विश्वास नहीं हुआ. मजदूरों का कहना है कि उन्होंने कभी भी हवाई जहाज की यात्रा नहीं की. पहली बार हवाई यात्रा कर अपने गांव जाएंगे. हवाई यात्रा का लुफ्त उठाने के लिए मजदूर तैयार हैं, क्योंकि देश से मजदूरों के पलायन की स्थिति काफी डराने वाली है.

देश में मजदूरों की दुर्गति जगजाहिर है, किस तरह से मजदूर पैदल यात्रा कर अपने अपने घरों के लिए जा रहे हैं. फैक्ट्रियों और बड़े-बड़े कारोबारियों के पास काम करने वाले मजदूर दर-दर की ठोकरें खाते हुए अपने घरों तक जा रहे हैं. वहीं दिल्ली के एक किसान ने एक ऐसी मिसाल सभी के सामने पेश की है कि उसके मजदूर हवाई जहाज से अपने घर जाएंगे, ये केवल एक मिसाल नहीं बड़े बड़े कारोबारी के लिए एक प्रेरणा भी है. साथ ही किसान पप्पन सिंह कहते हैं कि वो अपने मजदूरों को बस से इसलिए नहीं भेज रहे हैं क्योंकि बस में लोगों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा है और खाने-पीने की दिक्कत हो सकती है. बसों में ज्यादा वक्त लगेगा. इसलिए उन्होंने अपने मजदूरों को जहाज से भेजने का निर्णय लिया. जरूरत है कि दूसरे लोग भी अब इस तरह से अपने पास काम करने वाले मजदूरों की मदद करें.

ABOUT THE AUTHOR

...view details