पटना :नगर निकाय चुनावको लेकर प्रशासनिक तैयारियां (Administrative preparations regarding municipal elections) जोरों पर चल रही है.चुनाव को लेकर पहले फेज के तारीख का ऐलान कर दिया गया है. उम्मीदवारों में उत्सुकता का माहौल है. वज्रगृह में कड़ी सुरक्षा के बीच रखे गए ईवीएम की कमिश्निंग हो जाने के बाद अब उम्मीदवारों के बीच मॉक पोल की तिथि मुकर्रर कर दी गई है. 7 दिसंबर से 13 दिसंबर तक तिथि निर्धारित कर दी गई है. वहीं मसौढ़ी नगर परिषद में नगर निकाय के अभ्यर्थियों के लिए 8 दिसंबर को मुख्य पार्षद के लिए, 9 दिसंबर को उप मुख्य पार्षद और 10 दिसंबर को वार्ड के सभी अभ्यर्थियों को मॉक पोल किया जाएगा.
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मॉक पोल के दौरान मत डाले जाएंगे:नगर निकाय चुनाव के प्रथम चरण के मतदान के लिए ईवीएम की कमिश्निंग कर वज्रगृह में कड़ी सुरक्षा के बीच रख दी गई थी. इस दौरान प्रत्येक अभ्यर्थी का उसी अनुपात में मॉक पोल के दौरान मत डाला जाएगा, ताकि कुल मतों की संख्या 100 हो सके. मॉक पोल के दौरान निर्वाची पदाधिकारी अथवा उनके द्वारा प्राधिकृत सहायक निर्वाचित पदाधिकारी की उपस्थिति आवश्यक की गई है.
ईवीएम कमीशनिंग की जांच अभियंता रहेंगे मौजूद :निर्वाचन पदाधिकारी प्रवीण जहां ने बताया कि मॉक पोल के लिए सभी अभ्यर्थियों को पत्र के माध्यम से सूचित किया जा रहा है. जिसकी जिम्मेवारी पंचायती राज पदाधिकारी को दिया गया है. वहीं मॉक पोल को डिलीट कर दिया जाना है. ईवीएम कमीशनिंग की जांच के क्रम में BEL अभियंता भी उपस्थित रहेंगे. बताया जाता है कि चुनाव कैंसिल होने के बाद वज्रगृह में ईवीएम रखी गई थी. जिसकी क्रियाशीलता की जांच करने के लिए उसे किसी भी त्रुटि को जानने के लिए एक बार फिर से मॉक पोल की आवश्यकता की जा रही है.
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"नगर निकाय चुनाव 18 दिसंबर को होना है. ऐसे आयोग के दिशा-निर्देश अनुसार अभ्यर्थियों के सामने ईवीएम का मॉक पोल शुरू होने जा रहा है. नगर परिषद मसौढ़ी में सभी पदों के लिए अभ्यर्थियों के लिए तारीख तय कर दी गई है. जिस की तैयारियां जोरों पर चल रही है अभ्यर्थी खुद जाकर ईवीएम की जांच पोल के जरिए करेंगे."-परवीन जहां, अवर निर्वाचन पदाधिकारी, मसौढ़ी अनुमंडल
क्या है मॉक पोल : मॉक पोल के दौरान नोटा सहित हर प्रत्याशी के बटन को रैंडम तरीके से कम से कम तीन बार दबाना होता है. प्रत्याशियों की संख्या कम हो या ज्यादा लेकिन हर पोल में कम से कम पचास मॉक पोल डाले जाते हैं. उम्मीदवार का बटन पोलिंग एजेंट दबाता है और अगर पोलिंग एजेंट न हो तो मतदान अधिकारी बटन दबाता है. अगर बटन न दबे या फिर बीप की आवाज न आए तो ईवीएम बदल दी जाती है.