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लालू के फोन कॉल मामले पर बिहार में सियासत तेज

जिस तरह के गंभीर आरोप लालू यादव पर लगे हैं अगर वह कोर्ट के संज्ञान में आता है तो लालू की जमानत का मामला फिर रुक सकता है.

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Published : Nov 26, 2020, 3:08 PM IST

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पटनाःलालू यादव के एनडीए विधायकों को प्रलोभन देने का मामला शांत होता नहीं दिख रहा. लालू के फोन कॉल मामले को लेकर बिहार में सयासत तेज हो गई है. लालू के टेप वायरल होने के बाद अब वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी ने भी इसकी पुष्टि कर दी है.

एक तरफ जहां कांग्रेस ने इसकी जांच की मांग की है. वहीं, दूसरी तरफ 27 नवंबर को लालू की जमानत याचिका पर होने वाले सुनवाई पर इसका असर पड़ना तय दिख रहा है. देखिए ये खास रिपोर्ट

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'मछुआरे का बेटा हूं मैं जाल में नहीं फंस सकता'
वीआईपी के अध्यक्ष और बिहार के पशुपालन एवं मत्स्य मंत्री मुकेश कुमार साहनी ने कहा कि लालू यादव ने उन्हें भी फोन किया था और कई ऑफर दिए थे. लेकिन उनको सार्वजनिक करना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं मछुआरे का बेटा हूं मैं जाल में मछलियां फंसाता हूं. इसलिए मैं खुद नहीं फंसने वाला.

'जांच के बाद ही हो सकती है कोई पुष्टि'
इधर कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा कि अगर कोई फोन आया है या ऐसा कोई मामला है तो उसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने सुशील मोदी के लगाए गए आरोपों पर विश्वास करने से इनकार किया और कहा कि इसकी जांच के बाद ही कोई पुष्टि हो सकती है.

'कांग्रेस की कुसंगति के कारण राजद पर बुरा प्रभाव'
वहीं, इन सारे मुद्दे पर बीजेपी ने राष्ट्रीय जनता दल को कठघरे में खड़ा किया है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता संजय मयूख ने कहा कि कांग्रेस की कुसंगति के कारण राजद पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है. जो फोन आया और जो ऑडियो वायरल हुआ इसमें कहीं कोई संदेह नहीं है.

राबड़ी तेजस्वी ने नहीं की मीडिया से बात
इन सारी चर्चाओं के बीच एक बड़ी बात यह है कि 27 नवंबर को लालू यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है. जिस तरह के गंभीर आरोप लालू यादव पर लगे हैं अगर वह कोर्ट के संज्ञान में आता है तो लालू की जमानत का मामला फिर रुक सकता है.

बता दें कि गुरुवार को सदन में पहुंचे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और विधान परिषद में विपक्ष की नेता राबड़ी देवी ने भी मीडिया से बात नहीं की और चुपचाप निकल गए.

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