पटना: राज्यपाल कोटे से हुए 12 एमएलसी के मनोनयन पर हम प्रमुख जीतन राम मांझी के बाद अब वीआईपी प्रमुख मुकेश साहनी ने भी नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि जिस तरह वीआईपी के सिंबल पर बीजेपी के प्रत्याशी चुनाव लड़े थे. उसी प्रकार इस बार बीजेपी के सिंबल पर वीआईपी के प्रत्याशी विधान परिषद जाते तो बेहतर होता, क्योंकि ताली एक हाथ से नहीं बजती है. इसका ख्याल सभी दलों को रखना चाहिए.
बीजेपी से मिला था 1 सीट का आश्वासन
एमएसली के मनोनयन के बाद से एनडीए के दोनों छोटे दलों की नाराजगी खुलकर सामने आ गई है. नीतीश कुमार के इस फैसले पर जीतन राम मांझी पहले ही ऐतराज जता चुके हैं. अब मुकेश सहनी का भी दर्द छलका है. सहनी ने कहा कि मांझी जी की नाराजगी जायज है. क्योंकि एनडीए में हम चार घटक दल हैं. सभी की सहमति पर ही सरकार को विचार कर फैसला लेना चाहिए था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बीजेपी की तरफ से आश्वासन मिला था कि एमएलसी की एक सीट वीआईपी को मिलेगी, लेकिन नहीं मिला.