पटना: कोरोनाकाल के दौरान प्रदेश में लॉकडाउनके नियमों का उल्लंघन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने को लेकर मंगलवार को पटना पुलिस ने जाप सुप्रीमो पप्पू यादव को गिरफ्तार कर लिया है. पप्पू यादव की गिरफ्तारी को लेकर राजनीतिक गलियारों में गहमागहमी बढ़ गई है और सरकार में शामिल राजनीतिक दल से लेकर विपक्षी दल उनकी गिरफ्तारी का विरोध कर लगे हैं.
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बिहार सरकार के मंत्री ने किया विरोध
बिहार सरकार में मंत्री और वीआईपी नेता मुकेश सहनी ने ट्वीट कर पप्पू यादव की गिरफ्तारी का विरोध किया है और कहा है कि यह 'असंवेदनशील' है. मुकेश सहनी ने लिखा- 'जनता की सेवा ही धर्म होना चाहिए. सरकार को जनप्रतिनिधि, सामाजिक संस्थाएं एवं कार्यकर्ता को आमजन के मदद के लिए प्रेरित करना चाहिए. जनप्रतिनिधि को भी कोरोना गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करते हुए कार्य करना चाहिए. ऐसे समय में सेवा में लगे पप्पू यादव को गिरफ्तार करना असंवेदनशील है.'
बताते चलें कि इससे पूर्व सरकार में शामिल हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने भी पप्पू यादव की गिरफ्तारी का विरोध किया है. उन्होंने ट्वीट किया है कि अगर कोई जनप्रतिनिधि दिन-रात जनता की सेवा करें और उसके बदले में उसे गिरफ्तार कर लिया जाए तो ऐसी घटना मानवता के लिए खतरनाक है. ऐसे मामलों की पहली न्यायिक जांच हो तभी ऐसी कार्रवाई होनी चाहिए नहीं तो जनाक्रोश होना स्वभाविक है.
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विपक्षी पार्टियों ने भी किया विरोध
इसके साथ ही विपक्षी दल भी पप्पू यादव की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं. भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने पप्पू यादव की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए ट्वीट किया है कि बिहार में एंबुलेंस स्कैम का उजागर करने और भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी द्वारा MPLADS फंड का दुरुपयोग का मामला उजागर करने के कारण पप्पू यादव को गिरफ्तार किया गया है.
उन्होंने सरकार से सवाल किया है कि क्या सरकार इस मामले को उजागर करने को लेकर पप्पू यादव से बदला ले रही है. क्या नीतीश कुमार इसी प्रकार से कोविड-19 से लड़ाई लड़ना चाहते हैं. इसके साथ ही उन्होंने #FreePappuYadav टैग किया है और पप्पू यादव की रिहाई की मांग की है.