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पटना में 2 किलोमीटर की दूरी पर सीएम नीतीश के 9 कार्यालय, RJD बोली- हो रही सरकारी धन की बर्बादी

हाल ही में नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार को सबसे गरीब राज्य बताया गया था. इसे लेकर विपक्ष लगातार नीतीश कुमार पर निशाना साध रहा है. अब आरजेडी ने पटना में सीएम के कई कार्यालयों पर सवाल खड़े किए हैं. पढ़ें पूरी खबर....

सीएम नीतीश के कई कार्यालय
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

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Published : Dec 24, 2021, 8:42 PM IST

पटनाःमुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2005 से बिहार के सत्ता शीर्ष बने हुए हैं. 15 साल मुख्यमंत्री रह चुके हैं. 15 सालों में विकास के कई काम करने का दावा भी किया जाता रहा है, लेकिन नीति आयोग की रिपोर्ट ने बिहार के हालात की पोल खोल कर रख दी है. देश में सबसे पिछड़े राज्यों में बिहार एक है, लेकिन बिहार के मुखिया ने राजधानी पटना में अपने लिए 9 से अधिक कार्यालय (CM Nitish Many Offices In Patna) बना रखे हैं. विपक्ष ने इसको लेकर सवाल खड़ा किया है. आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी (Mrityunjay Tiwari On Cm Nitish Many Offices) का कहना है कि बिहार में विकास के कार्य तो हो नहीं रहे हैं, लेकिन नीतीश कुमार के कार्यालय की संख्या बढ़ाती जा रही है. पढ़ें एक रिपोर्ट...

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राजधानी पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा सा आवास है और आवास के अंदर भी संकल्प कार्यालय है. जिसमें वो फाइलों का निपटारा करते हैं. बैठकें भी करते हैं, कोरोना के समय मुख्यमंत्री अधिकांश बैठक मुख्यमंत्री आवास से ही करते थे. मुख्यमंत्री आवास में कई हॉल भी बनाए गए हैं. मुख्यमंत्री आवास के बाहर भी कई कार्यालय हैं. मुख्य सचिवालय का कार्यालय लंबे अरसे से है और मुख्यमंत्री मुख्य सचिवालय में बैठकर भी काम निपटाते रहे हैं.

सीएम नीतीश के कई कार्यालय

कैबिनेट हॉल भी है जहां मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक होती है. इसके साथ ही बिहार विधानसभा और विधान परिषद में भी मुख्यमंत्री का कार्यालय पहले से है. आमतौर पर सभी मुख्यमंत्रियों के समय यह चार कार्यालय रहा है. इसके अलावा नीतीश कुमार ने अपने लिए कई और कार्यालय बना रखे हैं. मुख्यमंत्री का सचिवालय संवाद इसमें सबसे विशेष कार्यालय है.

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इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मानव विकास मिशन में भी अपने लिए कार्यालय बना रखा है. हालांकि वहां कम ही जाते हैं, साथ ही पुलिस मुख्यालय में भी मुख्यमंत्री का विशेष कार्यालय है. मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश पर ही पुलिस मुख्यालय का नया भवन बनाया गया है. यहां हेलीकॉप्टर लैंडिंग सहित कई तरह की व्यवस्थाएं भी हैं. अधिक तीव्रता वाले भूकंप के झटके को ध्यान में रखते हुए भी इस भवन का निर्माण किया गया है.

इसके अलावा विधानसभा और विधान परिषद के विस्तारित भवन में भी मुख्यमंत्री का कार्यालय है. मुख्यमंत्री के सभी कार्यालय मुख्यमंत्री आवास के 2 किलोमीटर के दायरे में ही हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह भी उठता है कि सुशासन के कार्यक्रमों के लिए इतने कार्यालय की जरूरत है.

'बिहार में विकास के कार्य तो हो नहीं रहे हैं, लेकिन नीतीश कुमार लगातार अपने कार्यालयों की संख्या बढ़ाते जा रहे हैं. इसके रखरखाव पर बड़ी सरकारी धनराशि खर्च हो रही है'-मृत्युंजय तिवारी, आरजेडी प्रवक्ता

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वहीं, जेडीयू और बीजेपी के प्रवक्ता नीतीश कुमार का बचाव करते नजर आए. जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल का कहना है कि नीतीश कुमार लगातार विकास के कार्य कर रहे हैं और विकास के कार्यों को करने के लिए यह जरूरी है कि मुख्यमंत्री खुद जाकर समीक्षा करें.

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इस सिलसिले में बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री कई विभागों के हेड हैं और इसलिए जहां जरूरत है, उस हिसाब से कार्यालय उनका बनाया गया है. इसमें कुछ भी गलत नहीं है.

बिहार के मुख्यमंत्री का कार्यालय एक नजर में---

  • विधानसभा के पुराने भवन मुख्यमंत्री का चेंबर है.
  • विधान परिषद के पुराने भवन में भी मुख्यमंत्री का बड़ा सा चेंबर है.
  • विधानसभा के विस्तारित भवन मुख्यमंत्री का नया चेंबर बनाया गया है.
  • विधान परिषद के विस्तारित भवन में भी मुख्यमंत्री का नया चेंबर है.
  • मुख्य सचिवालय में मुख्यमंत्री का चेंबर पहले से है.
  • मुख्यमंत्री का सचिवालय संवाद में मुख्यमंत्री का चेंबर है.
  • पुलिस मुख्यालय के नए भवन में मुख्यमंत्री का विशेष चेंबर है.
  • बिहार विकास मिशन के कार्यालय में भी मुख्यमंत्री का चेंबर है.
  • मुख्यमंत्री आवास एक अन्ने मार्ग में भी मुख्यमंत्री का चेंबर है.

बहरहाल बिहार जैसे गरीब राज्य में मुख्यमंत्री का इतना कार्यालय हो और इन कार्यालयों पर निश्चित रूप से बड़ी राशि रख रखाव में खर्च होती हो तो सवाल उठना लाजमी है.


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