पटनाःमुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2005 से बिहार के सत्ता शीर्ष बने हुए हैं. 15 साल मुख्यमंत्री रह चुके हैं. 15 सालों में विकास के कई काम करने का दावा भी किया जाता रहा है, लेकिन नीति आयोग की रिपोर्ट ने बिहार के हालात की पोल खोल कर रख दी है. देश में सबसे पिछड़े राज्यों में बिहार एक है, लेकिन बिहार के मुखिया ने राजधानी पटना में अपने लिए 9 से अधिक कार्यालय (CM Nitish Many Offices In Patna) बना रखे हैं. विपक्ष ने इसको लेकर सवाल खड़ा किया है. आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी (Mrityunjay Tiwari On Cm Nitish Many Offices) का कहना है कि बिहार में विकास के कार्य तो हो नहीं रहे हैं, लेकिन नीतीश कुमार के कार्यालय की संख्या बढ़ाती जा रही है. पढ़ें एक रिपोर्ट...
राजधानी पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा सा आवास है और आवास के अंदर भी संकल्प कार्यालय है. जिसमें वो फाइलों का निपटारा करते हैं. बैठकें भी करते हैं, कोरोना के समय मुख्यमंत्री अधिकांश बैठक मुख्यमंत्री आवास से ही करते थे. मुख्यमंत्री आवास में कई हॉल भी बनाए गए हैं. मुख्यमंत्री आवास के बाहर भी कई कार्यालय हैं. मुख्य सचिवालय का कार्यालय लंबे अरसे से है और मुख्यमंत्री मुख्य सचिवालय में बैठकर भी काम निपटाते रहे हैं.
कैबिनेट हॉल भी है जहां मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक होती है. इसके साथ ही बिहार विधानसभा और विधान परिषद में भी मुख्यमंत्री का कार्यालय पहले से है. आमतौर पर सभी मुख्यमंत्रियों के समय यह चार कार्यालय रहा है. इसके अलावा नीतीश कुमार ने अपने लिए कई और कार्यालय बना रखे हैं. मुख्यमंत्री का सचिवालय संवाद इसमें सबसे विशेष कार्यालय है.
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इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मानव विकास मिशन में भी अपने लिए कार्यालय बना रखा है. हालांकि वहां कम ही जाते हैं, साथ ही पुलिस मुख्यालय में भी मुख्यमंत्री का विशेष कार्यालय है. मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश पर ही पुलिस मुख्यालय का नया भवन बनाया गया है. यहां हेलीकॉप्टर लैंडिंग सहित कई तरह की व्यवस्थाएं भी हैं. अधिक तीव्रता वाले भूकंप के झटके को ध्यान में रखते हुए भी इस भवन का निर्माण किया गया है.