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औरंगाबाद सांसद ने की मगही भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग - Magahi language

औरंगाबाद से बीजेपी के सांसद सुशील कुमार सिंह ने लोकसभा में मगही भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की है. सांसद ने कहा कि वर्षों से मांग की जा रही है लेकिन अब तक मांगों पर विचार नहीं किया गया.

औरंगाबाद सांसद
औरंगाबाद सांसद

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Published : Sep 24, 2020, 1:28 PM IST

Updated : Oct 19, 2020, 10:03 PM IST

दिल्ली/ औरंगाबाद : औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद सुशील कुमार सिंह ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से मगही भाषा को संविधान की आठवीं सूची में दर्ज कराने की मांग की है. लोकसभा में सांसद सुशील कुमार सिंह ने मगही भाषा में अपनी बात कही.

मगही को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग
औरंगाबाद के भाजपा सांसद ने लोकसभा में कहा कि मगही भाषा का इतिहास बहुत पुराना है. मगध साम्राज्य भारत का एक ऐसा साम्राज्य था. जिसकी सीमा एक तरफ अफगानिस्तान और दूसरी तरफ आज के बंगलादेश तक था. मगध साम्राज्य का इतिहास एक समय में भारत का इतिहास था. बिंबिसार के द्वारा यह साम्राज्य स्थापित किया गया था. जिनके पुत्र आजातशत्रु थे. मगध क्षेत्र में एक से एक महात्मा,चक्रवर्ती सम्राट अशोक हुए. भगवान बुद्ध भी मगध की धरती पर ज्ञान प्राप्त किए. चन्द्रगुप्त मौर्य भी मगध साम्राज्य के थे.

ईटीवी की रिपोर्ट

मगध का है स्वर्णिम इतिहास
सुशील कुमार सिंह ने कहा कि मगध साम्राज्य का ऐसा इतिहास है. जहां नालन्दा विश्वविद्यालय है. जो विश्व विख्यात है. उन्होंने कहा कि मगध का स्वर्णिम इतिहास है. मगही भाषा की अपनी लिपि भी है. जिसको कैथी कहा जाता है. और इसका अपना व्याकरण है. मगही भाषा सरल व मीठी है. साथ ही हिन्दी से काफी मिलती - जुलती है. उन्होंने कहा कि मगध के लोगों के साथ जो भाषा के मामले में अन्याय हुआ वह खत्म होना चाहिए. इस भाषा को संविधान के आठवीं अनुसूचि में दर्ज कराकर मगध के लोगों के साथ न्याय किया जाए.

Last Updated : Oct 19, 2020, 10:03 PM IST

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