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Patna High Court: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एएम अहमदी के निधन पर शोकसभा, दी जाएगी श्रद्धांजलि - Mourning meeting in Patna High Court

पटना हाईकोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एएम अहमदी के निधन पर शोकसभा आयोजित की जाएगी. इसके लिए पटना हाईकोर्ट के एसीज सीएस सिंह के कक्ष में 18 मार्च को दोपहर साढ़े बारह बजे का समय दिया गया है. यहां पहुंचकर सभी गणमान्य न्यायाधीश आकर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे. पढ़ें पूरी खबर...

जज के निधन पर पटना हाईकोर्ट में श्रद्धांजलि
जज के निधन पर पटना हाईकोर्ट में श्रद्धांजलि

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Published : Mar 17, 2023, 8:38 AM IST

पटना:राजधानी पटना मेंसुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एएम अहमदी के निधन परपटना हाईकोर्ट में शोकसभा आयोजित की जाएगी. सूचना है कि शनिवार 18 मार्च 2023 को दोपहर साढ़े बारह बजे से शोकसभा का आयोजन किया जाएगा. एसीजे जस्टिस सीएस सिंह के कक्ष में पूर्व चीफ जस्टिस ए एम अहमदी को श्रद्धांजलि अर्पण की जाएगी. जानकारी यह भी मिली है कि इस सभा के लिए हाईकोर्ट के महानिबंधक ने नोटिस जारी कर दी है.

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हाईकोर्ट में श्रद्धांजलि: जानकारी के मुताबिक दो मार्च को भारत के पूर्व चीफ जस्टिस ए एम अहमदी का निधन हो गया था. पटना हाईकोर्ट में उन्हें 18 मार्च 2023 शनिवार को श्रद्धांजलि अर्पित किया जाएगा. सामान्यत: हाईकोर्ट में सोमवार से शुक्रवार तक ही न्यायिक कार्य किया जाता है. शनिवार और रविवार को न्यायिक कार्य को पूरी तरह से बंद कर दिया जाता है.

4साल तक रहे मुख्य न्यायाधीश: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एएम अहमदी का गुरुवार को निधन हो गया. न्यायाधीश अहमदी ने 1994 से 1997 तक मुख्य न्यायाधीश के रुप में अपनी सेवा दी. उन्होंने अहमदाबाद के सिटी सिविल और न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत की थी. जानकारी है कि अहमदी एकमात्र मुख्य न्यायाधीश थे. जो भारतीय न्यायपालिका के निम्न से उच्च पद पर पहुंचने के लिए कम रैंक से शुरुआत की थी.

किए गए विश्व बैंक में आमंत्रित: बताया जाता है कि न्यायमूर्ति अहमदी को भारत ही नहीं दुनिया भर में एक सम्मानित न्यायविद के रुप में जाना जाता था. उनके न्याय को देखते हुए विशेष परियोजनाओं का नेतृत्व करने के लिए यूएनओ के साथ ही विश्व बैंक में आमंत्रित किया गया था. उन्हें कई प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा भी गया था.

कई कानूनों की थी विस्तृत जानकारी: उन्होंने प्रतिष्ठित भारतीय विश्वविद्यालय से डॉक्टर ऑफ लॉ की डिग्री भी प्राप्त की थी. इसके अलावे उन्होंने पथप्रदर्शक निर्णयों को लिखा था. जानकारी है कि उन्हें संवैधानिक कानून से लेकर मानवाधिकार में विशेषज्ञ की पदवी दी जाती थी. इसके साथ ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, केंद्र-राज्य और अंतरराज्यीय संबंधों के साथ ही आपराधिक कानूनों की विस्तृत जानकारी थी. यहीं नहीं उन्होंने एएमयू के कुलाधिपति का पद भी संभाला.

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