पटनाः बिहार का एकमात्र अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम पटना के राजेंद्र नगर में स्थित है. मोइनुल हक स्टेडियम बदहाली की मार झेल रहा है. यह स्टेडियम सरकारी सिस्टम का शिकार हो चुका है. स्टेडियम के स्टैंड कई जगह से टूट-फूट चुके हैं और कई जगह स्टैंड में पेड़-पौधे तक उग आए हैं. स्टेडियम के जो शेड्स है. वह कई जगहों से झड़ रहे हैं और पूरा स्टेडियम कई सालों से बदहाल है. स्टेडियम का इलेक्ट्रॉनिक स्कोरबोर्ड डिस्प्ले मशीन मेंटेनेंस के अभाव में पूरी तरह से खराब हो चुका है.
बदहाली की मार झेल रहा स्टेडियम
मोइनुल हक स्टेडियम में लगभग 7 महीने से कोरोना के कारण एक भी मैच नहीं खेला गया है. इस कारण मैदान में 3 से 4 फीट तक घास उगे हुए हैं. बता दें यह स्टेडियम बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के अधीन है और इसके मेंटेनेंस का जिम्मा भी खेल प्राधिकरण को ही है. सितंबर के इसी माह में खेल प्राधिकरण ने यह स्टेडियम बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को 31 मार्च 2021 तक के लिए आवंटित किया है. जिसके बाद से बिहार क्रिकेट एसोसिएशन मैदान में उगे हुए घासों की कटाई करा रहा है.
21 सितंबर तक स्टेडियम होगा साफ
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के मीडिया संयोजक कृष्णा पटेल ने कहा कि हाल ही में स्टेडियम बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को आवंटित हुआ है. इसके बाद से वह मैदान में घासों की कटाई कराने में लगे हुए हैं और जल्द ही मैदान पूरी तरह से साफ हो जाएगा. 21 सितंबर के बाद बीसीसीआई और केंद्र सरकार की तरफ से खेल को लेकर जो कुछ भी नया आदेश होगा, उसके अनुरूप बीसीए आगे काम करेगा. कृष्णा पटेल ने कहा कि 21 सितंबर तक मैदान पूरी तरह से साफ हो जाएंगे और अगर नया खेल कैलेंडर शुरू होता है, तो खिलाड़ियों के प्रैक्टिस और मैच के आयोजन की व्यवस्था यहां की जाएगी.
स्टेडियम का पूर्ण जीर्णोद्धार
कृष्णा पटेल ने बताया कि स्टेडियम उन्हें आवंटित हुआ है. इसका मतलब यह है कि मैदान के पीच खेलने के अनुरूप बना रहे. यह ध्यान देना बीसीए का काम है और यदि स्टेडियम का पूर्ण जीर्णोद्धार कराना है. जैसे कि यहां एक भी फ्लड लाइट नहीं है. टूटे-फूटे स्टैंड्स का रिपेयरिंग हो, तो इसके लिए राज्य सरकार और खेल प्राधिकरण को बिहार क्रिकेट एसोसिएशन से एक एमओयू साइन करना होगा.
बीसीसीआई स्टेडियम के विकास के लिए करेगा इन्वेस्ट
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के मीडिया संयोजक ने कहा कि वह राज्य सरकार से मांग करते हैं कि राज्य के इकलौते अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के साज-सज्जा में बदलाव लाने और जीर्णोद्धार के लिए बीसीए के साथ राज्य सरकार एमओयू साइन करें, तभी जाकर बीसीसीआई स्टेडियम के विकास के लिए इन्वेस्ट करेगा और तभी जाकर स्टेडियम का पूर्ण रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों के अनुरूप हो पाएगा.