नई दिल्ली/पटनाः नीतीश दिल्ली दौरे पर हैं. वे प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे. कयास लगाए जा रहे हैं कि इस दौरान वे बंगाल चुनाव और केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में विशेष चर्चा कर सकते हैं. हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार बनने के बाद दिल्ली तो आना ही था. कोरोना काल के कारण दिल्ली आना नहीं हुआ था. नीतीश कुमार ने बंगाल चुनाव और केंद्र सरकार में अनुपातिक हिस्सेदारी के बारे में भी कई बातें कहीं.
विस चुनाव में एनडीए के किए वादों की भी दिला सकते हैं याद
विधानसभा चुनाव में एनडीए ने कई वादे किए थे. उसके लिए अलग से नीतीश कुमार मदद की मांग कर सकते हैं. दिल्ली में वे पार्टी के अन्य नेताओं से भी मुलाकात करेंगे.
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अनुपातिक हिस्सेदारी पर हो सकती है बात
मोदी से मुलाकात के वक्त नीतीश लगभग डेढ़ साल पुराने सरकार में अनुपातिक हिस्सेदारी की भी बात कर सकते हैं. कहा जा रहा था कि मंत्रिमंडल विस्तार में इस कारण से भी देरी हुई है. जानकारी के लिए बता दें कि आनुपातिक हिस्सेदारी के मुताबिक जदयू को केंद्र सरकार में दो कैबिनेट मंत्री और एक राज्यमंत्री चाहिए. हालांकि इस बारे में नीतीश कुमार ने कहा कि इस बारे में अभी बातें नहीं हुई है. कोई चर्चा नहीं हुई है. यह बात डेढ़ साल पुरानी है. हमारा चुनाव हुआ. एनडीए को वहां काम करने का मौका मिला. हम सेवा कर रहे हैं.
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पश्चिम बंगाल चुनाव में कौन कहां से लड़ेगा तय नहीं
सीएम नीतीश के दिल्ली दौरे को पश्चिम बंगाल चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है. बता दें कि जदयू ने बंगाल चुनाव में उतरने का फैसला किया है. इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार ने कहा, हर पार्टी का हर राज्य में विंग होता है. वहां के कार्यकर्ताओं की इच्छा है. आरसीपी सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. उन्हीं को कहा गया है कि सबसे बात करके निर्णय लें. अभी कौन कहां से लड़ेंगे. इस बारे में बातें तय नहीं हुई है.