पटनाः बिहार पुलिस की कार्यशैली पर आए दिन सवाल उठते रहते हैं. ताजा मामला राजधानी से सटे नौबतपुर थाना क्षेत्र का है. पुलिस ने मॉब लिंचिंग का शिकार मृत व्यक्ति की पहचान महमतपुर गांव निवासी कृष्णा मांझी के रूप में कर उसके परिवार वालों से दाह संस्कार कराया था. वो कृष्णा मांझी दाह संस्कार के तीन माह बाद जिंदा घर लौट आया है.
परिवार वाले खुश, पुलिस के माथे पर बल
कृष्णा मांझी के घर लौट आने से उसके घर और गांव में खुशी का माहौल है लेकिन इसकी सूचना मिलते ही पुलिस के माथे पर बल पड़ गया. पुलिस के लिए अब यह पहचान करना बड़ी चुनौती है कि जिस शव का दाह संस्कार कृष्णा मांझी समझ कर कर दिया गया आखिर वो लाश किसकी थी. पुलिस पर सवाल उठ रहा है कि शव की सही पहचान किए बगैर कैसे किसी को सौंप दिया गया.
कृष्णा मांझी की पत्नी रुदी देवी बच्चा चोर समझ भीड़ ने की थी पिटाई
दरअसल 10 अगस्त नवही पंचायत के महमदपुर गांव में एक राहगिर को बच्चा चोर समझकर भीड़ ने लाठी-डंडे से बुरी तरह पीट दी थी. जिसे पुलिस ने गंभीर अवस्था में रेफरल अस्पताल नौबतपुर भेजा लेकिन उनकी स्थिति को देखते हुए फिर उसे एम्स में भर्ती कराई गयी थी. जहां इलाज के दौरान उसने उसने दम दिया.
'दलीत हो पैसै मिलेंगे, शव स्वीकार लो'
मौत के 48 घंटे बाद तक भी शव का कोई दावेदार नहीं आया. फिर शव की पहचान कृष्णा मांझी के रूप में की गई. शव का पोस्टमॉर्टम कराकर उसके परिवार वालो से दाह संस्कार करा दिया गया. कृष्णा मांझी की पत्नी रुदी देवी ने बताया कि शव बिलकुल सड़-गल गया था. हम पहचान नहीं कर पा रहे थे. पुलिस ने हमें कहा कि शव स्वीकार लो, दलीत हो सरकारी योजना के तहत पैसे मिल जाएंगे.
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कर्ज लेकर हुआ था श्राद्ध
रुदी देवी ने कहा हम कर्ज लेकर श्राद्ध किए थे. सरकार से आज तक न तो कबीर अंत्येष्टि की राशि मिली और न ही सामाजिक सुरक्षा के तहत 20 हजार की राशि ही मिली. उन्होंने बताया कि पति आ गए, अब मैं खुश हूं. सरकार से कोई पैसे नहीं चाहिए. बता दें कि रुदी देवी मांग में सिंदूर लगाना भी बंद कर दी थी.
10 अगस्त को हुए मॉब लिंचिंग की घटना में 150 अज्ञात पर केस दर्ज कर पुलिस 23 लोगों की गिरफ्तार कर जेल भेज दी थी.
पुलिस करेगी जांच
वहीं एएसआई दरोगी कुमार ने बताया की कृष्णा मांझी के जिंदा लौटने की खबर थाने को मिली है. मामले की जानकारी वरिय अधिकारी को दे दी गई है. पुलिस आगे की कार्रवाई की तैयारी कर रही है. कृष्णा मांझी के परिवार को जबरन शव सौंपने के आरोप पर उन्होंने कहा कि इस बात में कोई सच्चाई नहीं है.