पटना/नई दिल्ली: केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने मनरेगा बजट में कटौती (MNREGA budget cut issue) के सवाल पर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मनरेगा एक मांग आधारित योजना है. इसमें राज्यों का आवंटन निश्चित नहीं किया जाता. इस योजना के लिए जितनी भी डिमांड होगी भारत सरकार उसे पूरा करेगी. बता दें कि तमिलनाडु से वीसीके चिदंबरम सांसद तिरुमा वलावन थोल ने पूछा था कि केंद्र सरकार मनरेगा बजट में कटौती क्यों कर रही है?
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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मनरेगा बजट 2014 के पहले और 2014 के बाद को आधार बनाकर सदन के सामने अपना जवाब रखा. इस आरोप का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि 2013-14 में मनरेगा का बजट 33 हजार करोड़ रुपए का था. उस समय 1660 करोड़ श्रम दिवस हुआ था. लेकिन हमारी सरकार में 2098 करोड़ श्रम दिवस हुए. 2 लाख 13 हजार 320 करोड़ का बजट UPA सरकार के दौरान (2014 के पहले) जारी किए गए. लेकिन मोदी सरकार में 4 लाख 99 हजार 9 सौ 21 करोड़ का मनरेगा बजट किया गया है. मनरेगा के तहत किए गए कामों की तुलना करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि 2014 के पहले 153 लाख काम पूरा किया गया. जबकि उनकी सरकार में 529 लाख कार्य को पूरा किया है.