पटनाःबिहार में भूमिहीन गरीबों के लिए योजना (Scheme For Landless poor In Bihar) चलाकर मोदीनगर और नीतीश नगर जैसी कॉलोनी बनाई जाएगी, लेकिन इसे लेकरबिहार में सियासत तेज हो गई है. विपक्ष का साफ-साफ कहना है कि यह सब योजना पूरी तरह से फेल होगी, वहीं सत्तापक्ष का कहना है कि सरकार गरीबों को अगर अच्छा घर देना चाहती है तो विपक्ष को पेट में दर्द क्यों हो रही है. जदयू के विधान पार्षद उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha on Modi Nitish Nagar colony) ने कहा कि सरकार लगातार गरीबों के कल्याण के लिए काम कर रही है और बिहार में भी वह काम अब शुरू हो चुका है. उसी क्रम में भूमिहीन गरीबों को घर बना कर दिया जाएगा और उनकी कॉलोनी बनाई जाएगी.
ये भी पढ़ेंःबिहार के हर जिले में बनेंगे मोदी-नीतीश नगर, जानें क्या है सरकार का प्लान
"इसके पीछे मंशा ये है कि हर इलाके में कुछ गांव को या सिलेक्ट गांव को विकसत किया जाए, ताकि इसे देखकर अन्य गांव के लोग भी प्रेरित हों और वहां भी धीरे-धीरे यानी सभी गांव का विकास हो. भूमिहीन गरीबों को घर बना कर दिया जाएगा और उनकी कॉलोनी बनाई जाएगी इसमें बुरा क्या है. जहां तक नामकरण का सवाल है, इसके बारे में अभी मुझे पूरी जानकारी नहीं है"- उपेंद्र कुशवाहा, अध्यक्ष, जेडीयू संसदीय बोर्ड
'एनडीए सरकार लगातार चलती रहेगी': वहीं, उपेंद्र कुशवाहा से जब सवाल किया गया कि बिहार में राजद सबसे बड़ी पार्टी बन गई है तो उन्होंने कहा कि इससे कुछ होने वाला नहीं है, बिहार में जो सरकार है वह लगातार चल रही है और चलती रहेगी. चाहे कोई भी पार्टी संख्या में कितनी भी हो जाए, निश्चित तौर पर यही सरकार बिहार में रहेगी. जो वर्तमान में है. साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र के घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि महाराष्ट्र और बिहार में बहुत अंतर है. उदयपुर में हुई घटना को लेकर उन्होंने कहा कि जिन्होंने इस घटना का अंजाम दिया है, वहां की सरकार को उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.
ये है सरकार की योजनाः आपको बता दें कि भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने पिछले दिनों ही ऐलान किया है कि बिहार के हर जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम पर मोदी नगर और नीतीश नगर बनाए जाएंगे. इसके तहत भूमिहीन लोगों को तीन से पांच डिसमिल जमीन दी जाएगी और उसके बाद केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से उस पर घर बनाए जाएंगे. फिलहाल 8 जिलों में इस योजना के तहत काम करने का निर्णय लिया गया है और कई जिलों में एक ही जगह बड़ा भूखंड का सर्वे कराया जा रहा है, जो सरकारी हो. उस पर कॉलोनी बनाकर भूमिहीनों को दिया जाएगा. सभी जिलों में इस तरह की 2 कॉलोनी बनाई जाएगी. लेकिन विपक्ष इन कॉलोनियों के नाम को लेकर सवाल उठा रहा है.