पटनाःपूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने एक बार फिर किसानों की समस्या को लेकर अपनी सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा है कि जिस तरह से बिहार में पराली जलाने पर किसानों पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है, किसान क्रेडिट कार्ड रद्द किया जा रहा है. वह कहीं से भी उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि किसानों को पराली प्रबंधन के लिए आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए.
किसानों की समस्या पर सुधाकर का निशानाः सुधाकर सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इसके लिए कहा है तो फिर बिहार सरकार और केंद्र सरकार मिलकर किसानों को पराली प्रबंधन के लिए आर्थिक सहायता क्यों नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि किसानों की हालत बिहार में बद से बदतर होती चली जा रही है. दूसरी ओर जिन राज्यों में चुनाव हो रहा है, केंद्र में बैठी हुई सरकार वहां किसानों के अनाज की कीमत भी बढ़ा रही है, लेकिन बिहार के साथ भेदभाव किया जा रहा है.
"सिर्फ हम भारतीय जनता पार्टी को ही नहीं कर रहे हैं बल्कि कांग्रेस को भी कह रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में किस तरह धान अधिक मूल्य पर खरीदे जा रहे हैं. जबकि बिहार में किसान के धान का कम मूल्य पर खरीदे जा रहे हैं यह कहां का कानून है. बिहार के भी किसानों की अनाज की खरीदगी ऊंचे दाम पर होनी चाहिए यही हमारी मांग है"- सुधाकर सिंह, पूर्व कृषि मंत्री
'चौथे कृषि रोड मैप से किसानों को फायदा नहीं':उन्होंने साफ-साफ कहा कि चौथे कृषि रोड मैप में भी बिहार में कुछ नया नहीं है, जो पहले का कृषि रोड मैप था उसी तरह का रोड मैप इस बार भी बनाया गया है. हमें नहीं लगता है कि बिहार के किसानों को इससे कोई फायदा होने वाला है. सुधाकर सिंह से जब सवाल किया गया कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को लेकर जो बात नीतीश कुमार ने सदन के अंदर कही थी, वह कहां तक उचित है. इस पर उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी बुजुर्ग नेता हैं और यह बात सदन के अंदर उन्हें नहीं कहनी चाहिए.