पटना:अनंत सिंह पर केंद्र सरकार के नये संशोधित कानून यूएपीए एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. केस दर्ज होने के साथ ही अनंत सिंह यूएपीए एक्ट के पहले आरोपी हो गए हैं. हाल में संसद ने यूएपीए एक्ट में संशोधन किया है। संशोधन के बाद बिहार में अनंत सिंह पहले आरोपी हैं.
बता दें कि इसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के महानिदेशक को आतंकी घोषित व्यक्ति की संपत्ति को जब्त करने की शक्ति दी गई है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस कानून को आठ अगस्त को अपनी मंजूरी दे दी थी. उसके बाद लोकसभा ने इस बिल को 24 जुलाई और राज्यसभा ने दो अगस्त को पारित कर दिया था.
क्या है UAPA संशोधन विधेयक?
यूएपीए बिल के तहत केंद्र सरकार किसी भी संगठन को आतंकी संगठन घोषित कर सकती है. ऐसे में अब आपको ये जानना जरूरी है कि UAPA संशोधन बिल के कानून बन जाने से क्या होगा ?
1. आतंक से जुड़े किसी भी मामले में उसकी सहभागिता या किसी तरह का कोई कनेक्शन पाया जाता है.
2. आतंकवाद को बढ़ावा देना
3. आतंकवाद की तैयारी
4. आतंकी गतिविधियों में किसी अन्य तरह की संलिप्तता
NIA को मिलेंगे असीमित अधिकार
- विधेयक राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA को असीमित अधिकार देता है.
- सरकार सबूत नहीं होने की हालत में भी, सिर्फ शक के आधार पर ही किसी को आतंकी घोषित कर सकती है.
- एनआईए के अफसरों को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं. अब ऐसे किसी भी मामले की जांच इंस्पेक्टर रैंक या उससे ऊपर के अफसर कर सकते हैं.
- इसके लिए सिर्फ एनआईए के महानिदेशक से अनुमति लेनी होगी.
- एनआईए के महानिदेशक को ऐसी संपत्तियों को कब्जे में लेने और उनकी कुर्की करने का अधिकार मिल जाएगा जिनका आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल किया गया.
- अब एनआईए को ये अधिकार होगा कि वो किसी भी राज्य में जाकर रेड कर सकता है.
- इसके अलावा यूएपीए विधेयक सरकार को यह अधिकार देता है कि इसके आधार पर किसी को भी व्यक्तिगत तौर पर आतंकवादी घोषित कर सकती है.
- लेकिन इसी असीमित अधिकार की वजह से विपक्ष को लगता है कि सरकार और उसकी मशीनरी इसका गलत इस्तेमाल कर सकती है.